बिहार- पटना 16 जून 2018 को पूरे देश व दुनिया में इन साल हिजरी कैलेंडर के अनुसार शवाल अल-मुकर्रम्म महीना की पहली तारीख को 1395 वीं ईद -उल-फ़ित्र मनाई जाएगी। पूरी दुनिया में ईद की तैयारी मुकम्मल है। मुसलमानों द्वारा ईद के आगमन का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। सन् ईस्वी के मुताबिक इस वर्ष 16 जून शनिवार को ईद मनाई जाएगी। लिहाजा इस अवसर पर ईद- उल-फ़ित्र से संबंधित तथ्यात्मक विमर्श प्रासंगिक है।
इस्लाम धर्म में दो प्रकार की ईद होती है-पहली ईद- उल-फ़ित्र और दूसरी ईद उल- अजहा। ईद- उल-फ़ित्र का त्योहार हिजरी कैलेंडर के नौवें महीने रमज़ान -उल- मुबारक का चांद डूबने और दसवें महीने “शवाल -अल – मुकर्रम” का चांद नज़र आने पर उसके अगले दिन पहली तारीख़ को मनाई जाती है। जबकि ईद उल-अजहा बारहवें महीने “जि अल हिज्जा” की दसवीं से बारहवीं तारीख तक मनाई जाती है। इसलाम धर्म के प्रवर्तक हजरत पैगम्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने सन 624 ईस्वी में जंग-ए-बदर के बाद उक्त दोनों ईद मनाने का आदेश दिया था।
हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के खास शिष्य हजरत अनस रजि अल्लाहु अन्हु के अनुशार 624 ईसवी में जंग- ए-बदर में विजय के बाद हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम मदीना वापस लौट कर शाबान अल- मुकर्रम की पहली तारीख को ईद-उल-फित्र और जी अल हिज्ज़ा के दसवीं से बारहवीं तक ईद उल- अजहा मनाने का आदेश दिया। 624 से आज तक मुसलमानों के द्वारा यही दो ईद मनाई जारही है। इन साल 16 जून 2018 को 1395 वीं ईद- उल- फित्र पूरे देश व दुनिया में मनाई जाए गी।
-नसीम रब्बानी, पटना/ बिहार