बरेली- रेल मंत्रालय की नॉर्दर्न रेलवे की सलाहकार समिति का प्रतिनिधि मंडल ने 25 नवम्बर 2025 को विश्व का सबसे ऊंचा चिनाब रेल ब्रिज और अंजी खाद ब्रिज की सरंचना, निर्माण तकनीक, और संचालन प्रणाली के अध्ययन हेतु जम्मू एवं कश्मीर के स्टडी टूर पर रवाना हो गया था।
उत्तर रेलवे के सदस्यों के अध्ययन दल को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से विशेष ट्रेन के द्वारा रात्रि 9 बजे जम्मू के लिए रवाना कर दिया गया। यह दल कश्मीर के रमणीक पर्वतों के बीच स्थित चिनाब और अंजी नदियों पर बने विश्व प्रसिद्ध पुलों के निरीक्षण एवं अध्ययन हेतु आयोजित किया गया था। अध्ययन दल के लिए यह यात्रा इसलिए विशेष रही क्योंकि यह वही पुल रियासी जनपद में स्थित चिनाब रेल ब्रिज का लोकार्पण प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 6 जून को राष्ट्र को समर्पित किया था। चिनाब नदी बना यह पुल 359 मीटर की ऊंचाई पर जम्मू एवं कश्मीर को एक मज़बूत रेल संपर्क प्रदान करता है। जो एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है तथा इसके निर्माण में 29,880 मीट्रिक टन स्टील का उपयोग हुआ है। वही अंजी खाद ब्रिज कश्मीर को हर मौसम में शेष भारत से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं।
अधिकारियों ने बताया कि यह ब्रिज 8 तीव्रता तक के भूकंप, 40 टन तक के लिए विस्फोट और माइनस 20 डिग्री सेल्सियस पर तक के तापमान को सहन करने में सक्षम है। साथ ही 266 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं का सामना करने के लिए डिजाइन किए गया है। इसकी आयु 120 से 125 वर्ष सुनिश्चित की गई हैं।
बरेली जिले से पूर्व रोटरी गवर्नर एवं पूजा सेवा संस्थान के अध्यक्ष पी. पी . सिंह को आमंत्रित किया गया था। यहां बता दे कि पी पी सिंह उत्तर रेलवे उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति के सदस्य हैं।उनका यह दौरा स्थानीय व दिव्याग़ रेल यात्रियों की समस्याओं को सामने रखने का मौका मिला साथ ही स्टडी टूर पर अद्भुत निर्माण अजूबों को देखने का अवसर भी प्राप्त हुआ। यह आमंत्रण रेलवे की उपमहाप्रबंधक गुंजन भारद्वाज ने ईमेल भेजकर 3 दिवसीय स्टडी टूर कार्यक्रम में देशभर के चुनिंदा सलाहकार समिति सदस्यों को शामिल किया गया था। पी पी सिंह ने बताया, कि स्टडी टूर के दौरान दोनों पुल का विस्तृत निरीक्षण किया और साथ ही वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों के समक्ष बरेली जिले के स्थानीय व दिव्यांग रेल यात्रियों की समस्याएं भी रखी ताकि आवश्यक सुधार हो सके।
