बरेली। पुराना शहर मे सुबह से ही पुलिस के जवानों की चहल कदमी आरंभ हुई तो इलाके में चर्चा का माहौल गर्म हो गया। दरअसल, एक दिन पूर्व यानि सोमवार को एवान ए फरहत और गुड लाइफ बरातघर पर कार्रवाई होनी थी, लेकिन बीडीए की टीम के न पहुंचने पर कार्रवाई टल गई। इस पर लोग कयास लगा रहे थे कि मंगलवार को भी कार्रवाई नहीं होगी लेकिन गली के बाहर स्थित एक अन्य बरात घर पर बीडीए की प्रवर्तन टीम सुबह 11 बजे से ही बैठी हुई उच्चाधिकारियों के आदेश का इंतजार कर रही थी। दोपहर एक बजे के करीव बीडीए की टीम मौके पर पहुंची तो हंगामा शुरू हो गया। बरातघर के ऊपर बने आवासों में रहने वाले परिवार बुलडोजर के सामने खड़े हो गए। महिलाएं गोद में बच्चे लेकर कार्रवाई का विरोध करने लगी। इस दौरान काफी धक्का-मुक्की भी हुई, लेकिन कार्रवाई आरंभ कर दी गई। गुड लाइफ मैरिज हाल के ऊपर 6 कमरे, रसोईघर समेत दो बड़े हाल बने हुए हैं। इनमें करीब 20 साल से फहीम खान, राशिद खान और नसीम खान के परिवार निवास कर रहे हैं। फहीम खान की परिजन आरफा खान ने बताया कि यहां 20 सालों से हम लोग निवास कर रहे हैं। तीन परिवार में 15 से अधिक लोग हैं, वहीं दो विधवा महिलाएं भी शामिल हैं। हम लोगों को बीते शनिवार को ही बीडीए का नोटिस मिला। इसमें आवास खाली करने को कहा गया। उस दिन से ही घरों में चूल्हे नही जले हैं। बीडीए अफसरों से भी बात करने का प्रयास किया। लेकिन कोई सुनवाई नही हुई। इतने कम समय में हम लोग कहां जाएं, क्या गुनाह है जो हमें बेघर किया जा रहा है। एक घंटे तक तीखी नोकझोंक होती रही। मौके पर एसपी सिटी मानुष पारिक भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने परिवार के लोगों से बात कर समझाया। तीनों परिवार की महिलाओं को पड़ोस के घरों में भेजकर कार्रवाई शुरू की गई। परिजनों की आंखों में आंसू छलक रहे थे। कहीं ऐसे लोग भी थे जिनके घरों मे चूल्हा तक नहीं जला था। बावजूद इसके वे किसी चमत्कार की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन कुछ भी नही हो सका। कुछ ही मिनटों मे बुलडोजर बारातघर और मकानों के सामने खड़े हो गए। दो जेसीबी, एक पोकलेन जैसे ही दीवारों पर चली लोगों की उम्मीदे भी धीरे-धीरे टूटने लगी। दोपहर 2:15 बजे शुरू हुई कार्रवाई लगातार 5 घंटे चली।।
बरेली से कपिल यादव
