बरेली। आगरा मे पकड़ी गई करोड़ों की नकली दवाओं के मामले मे तीन फार्मा एजेंसियों का लाइसेंस औषधि विभाग ने निलंबित कर दिया है। तीनों एजेंसियों ने आगरा से नकली दवाएं खरीदी थी और उसे फुटकर मेडिकल कारोबारियों को सप्लाई की थी। औषधि विभाग ने इसी मामले में एक फर्म के खिलाफ कोर्ट में परिवाद दाखिल किया है। सहायक आयुक्त औषधि संदीप कुमार ने बताया कि आगरा में नकली दवाएं पकड़े जाने के बाद यहां भी सघन चेकिंग अभियान चलाया गया था। इस दौरान कई फार्मा एजेंसियों से आगरा से सप्लाई हुई संदिग्ध दवाएं पकड़ी गई थी। दवाओं के नमूने सर्वे सैंपलिंग के लिए फार्मा कंपनी को भेजे गए थे। इसमे एलिग्रा 120 एमजी की सर्वे सैंपलिंग रिपोर्ट आ गई है। फार्मा कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि जो दवा पकड़ी गई थी, वह उसके यहां नही बनी थी। इससे साफ है कि दवा बनाकर उस पर दूसरे ब्रांड की पैकिंग की गई थी। जिन फार्मा एजेंसियों पर आगरा की दवाएं पकड़ी गई थी वहां स्टाक बुक चेक किया गया। दवाओं के बिल से लेकर भुगतान तक और जीएसटी के रिकार्ड तक चेक किए गए थे। अब जांच करीब पूरी हो गई है और औषधि विभाग ने तीन फार्मा एजेंसियों का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है। साथ ही गुनीना फार्मास्युटिकल्स गली नवाबान के विरुद्ध न्यायालय में परिवाद दाखिल किया गया है। सहायक आयुक्त औषधि संदीप कुमार ने बताया कि गली नवाबान स्थित लखनऊ ड्रग एजेंसी, साहनी मेडिकल स्टोर और कोहाड़ापीर स्थित माधव एजेंसी का लाइसेंस अग्रिम आदेश तक सस्पेंड कर दिया गया है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि इन फार्मा एजेंसियों ने जो दवाएं आगरा से मंगाई थी। वह जिन व्यापारियों को बेची थी। उसका मिलान नही हो सका है।।
बरेली से कपिल यादव
