बच्चों को समझाया राष्ट्रीय गान और राष्ट्रीय गीत का महत्व

बरेली- कंपोजिट विद्यालय जोगीठेर के परिसर में विद्यालय के प्रधानाध्यापक राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक लाल बहादुर गंगवार ने आज सुबह प्रार्थना स्थल पर राष्ट्रीय गान जन गण मन के बारे में विस्तार से बताया बच्चों ने भली भांति इसको समझने का प्रयास किया गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा रचित गीतांजलि से इसको लिया गया है इसके गाने की अवधि 52 सेकंड है संक्षिप्त में इसको 20 सेकंड में भी गाया जा सकता है इसको 24 जनवरी 1950 में लागू किया गया था सबसे पहले रविंद्र नाथ टैगोर ने मद्रास में 1911 में इसको लिखा था जो मूल रूप से बंगाली भाषा में लिखा गया था लेकिन सर्वाधिक हिंदी तथा अंग्रेजी में प्रचलित है इसको गाते समय सम्मान के रूप में खड़े होकर गाना चाहिए जो भी देशवासी इसका अपमान करता है उसको देशद्रोही के रूप में देखा जाता है। इसी प्रकार विद्यालय में अवकाश के समय वंदे मातरम के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई प्रधानाध्यापक लाल बहादुर गंगवार ने बताया राष्ट्रीय गीत के रूप में वंदे मातरम को मान्यता मिली है यह बंकिम चंद्र चटर्जी ने लिखा था यह रचना आनंदमठ से ली गई है वंदे मातरम को भारत माता के सम्मान के रूप में लिखा गया है यह मूल रूप से बंगाली भाषा में लिखा गया था इसमें वंदे मातरम के लिए भारत माता को नमन किया गया है इस वर्ष डेढ़ सौ शताब्दी मनाई जा रही है उन्होंने छात्र-छात्राओं को इसका शाब्दिक अर्थ भी बताया । उक्त कार्यक्रम में चरण सिंह रेनू गंगवार गौरव गीता यादव रुचि दिवाकर आदि ने सहयोग प्रदान किया ।

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