योगी आदित्यनाथ ने दी योजनाओं की जानकारी, बोले – कपड़ा बनाएंगी महिलाएं, पहनेगी दुनिया

लखनऊ- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री अन्नपूर्णा ऋषिकुल ब्रह्मचर्य आश्रम महाविद्यालय में महिलाओं को सिलाई मशीन और छात्रों को लैपटॉप का वितरण किया। इस अवसर पर उन्होंने महिला शक्ति को प्रेरित करते हुए कहा कि महिलाएं कपड़ा बनाएंगी और पूरी दुनिया उसे पहनेगी।योगी ने स्पष्ट किया कि कृषि के बाद हमारे देश में वस्त्र उद्योग में सबसे अधिक रोजगार के अवसर हैं। इसके विकास के लिए सरकार हर स्तर पर प्रयास कर रही है। इसी दिशा में फ्लैटेड फैक्ट्री की अवधारणा को विकसित किया जा रहा है, जिसके तहत भवन की किसी भी मंजिल पर वस्त्र निर्माण फैक्ट्री और शोरूम खोला जा सकेगा। इसके अतिरिक्त, संत कबीर के नाम पर प्रत्येक जिले में एक पार्क बनाने की योजना है, जहां युवाओं को वस्त्र उद्योग से संबंधित सभी रोजगार के अवसर एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में पीएम मित्रा पार्क का 1100 एकड़ में विकास कर रहे हैं, जहां कपड़े से संबंधित उद्योग के सभी कार्य, जैसे निर्यात आदि को बढ़ावा मिलेगा। इस अवसर पर महिला शक्ति के संदर्भ में भारतीय संस्कृति का उल्लेख करते हुए योगी ने कहा कि हाल ही में हमने मां दुर्गा के पावन अनुष्ठान शारदीय नवरात्र और विजयदशमी का पर्व मनाया। आज शरद पूर्णिमा के इस कार्यक्रम से हम जुड़ रहे हैं। यह सब मां अन्नपूर्णा की कृपा का शुभ अवसर है।उन्होंने इसे मिशन शक्ति से जोड़ते हुए महिला की गरिमा, सुरक्षा, सम्मान और भारत में नारी को सर्वोच्च स्थान देने का उल्लेख किया। योगी ने कहा कि सनातन संस्कृति में भी यही कहा गया है कि धरती को माता, गंगा को मां और अन्नपूर्णा को देवी मां कहा गया है। चराचर जगत की आदिशक्ति अगर भगवती हैं, तो भोजन देने वाली मां अन्नपूर्णा हैं। यह सब नारी गरिमा के प्रतीक हैं।सरकार भी इस दिशा में काम कर रही है। प्रदेश में लाखों महिलाओं को आवास, शौचालय, उज्ज्वला और घरौली प्रदान करना इसी कार्य की परिणति है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सभी से अपील की कि वे इस दिशा में आगे बढ़ें और अपने कौशल का विकास करें।योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और वस्त्र उद्योग में उनके योगदान को बढ़ावा देने के लिए सरकार की योजनाओं की जानकारी दी। यह कार्यक्रम न केवल महिलाओं के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक सकारात्मक संदेश है।

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