बरेली। बवाल के मुख्य आरोपी आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां और उनके करीबी डॉ. नफीस के बाद अब खुफिया विभाग ने नदीम खान समेत सात और उपद्रवियों का कार्ड खंगालने के बाद फाइल खोली जाएगी। इसके बाद सातों उपद्रवी ताउम्र पुलिस की निगरानी में रहेंगे। जिले में किसी भी प्रकार की शांति व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति में उन्हें पुलिस फौरन गिरफ्तार करती रहेगी। आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां के आह्वान पर 26 सितंबर को नमाज के बाद शहर मे बवाल हुआ था। योजना पूरे शहर को जलाने यानी दंगा कराने की थी। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़ते हुए लाठी चार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया था। फायरिंग मे 22 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इस मामले में पुलिस मौलाना तौकीर रजा खां समेत 83 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। मौलाना तौकीर रजा खां पिछले कई साल से सक्रिय हैं। वह कई मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन कर बवाल कर चुके हैं। ऐसे में उनकी निगरानी पुलिस के साथ ही खुफिया विभाग भी करता है। तौकीर रजा खां का खुफिया विभाग ने काफी पहले कार्ड और फाइल खोल दी थी। अब उनके खास फर्जी डॉ. नफीस खान के बाद नदीम खान, अफजाल बेग, पार्षद अनीस सकलैनी मीडिया इदरीसी, अल्तमश रजा खां समेत मौलाना एहसान उल हक चतुर्वेदी का कार्ड खोला है। जल्द ही सभी की फाइल भी खोली जाएगी, जो पूरी उम्र खुली रहेगी। ऐसे में अगर जिले में कभी भी कानून व्यवस्था खराब होने की स्थिति बनती है तो पुलिस उन्हें फौरन गिरफ्तार करेगी। जबकि नदीम खां समेत उनके सैकड़ों करीबियों की खुफिया विभाग कुंडली खंगाल रहा है, जल्द ही उन सभी का भी कार्ड और फाइल खोली जाएगी। खुफिया विभाग उन लोगों का कार्ड और फाइल खोलता है जो कम से कम पांच साल से सक्रिय ही फैसले को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर बवाल कराने की साजिश करते रहे हों। खुफिया विभाग पहले कार्ड खोलते हुए एसएसपी को रिपोर्ट भेजता है और उसके बाद भी सुधार नहीं दिखने पर उनकी फाइल खोलने की रिपोर्ट तैयार कर एसएसपी को भेजता है। उसके बाद मुख्यालय भी उस रिपोर्ट को भेजा जाता है। फाइल खुलने के बाद जब-तक वह व्यक्ति जिंदा रहता है। किसी भी संदिग्ध या बवाल होने की स्थिति में सबसे पहले पुलिस उसे गिरफ्तार करती है।।
बरेली से कपिल यादव