बरेली। थिएटर अड्डा में रंगालय एकेडमी ऑफ आर्ट एंड कल्चर सोसाइटी द्वारा आयोजित तृतीय 15 दिवसीय थिएटर फेस्ट के तीसरे दिन नाटक चुटकी भर जहर का मंचन किया गया। रंगालय एकेडमी ऑफ आर्ट एंड कल्चर सोसायटी बरेली द्वारा आयोजित एकलव्य रंगमंच आप फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा नाटक चुटकी भर ज़हर प्रस्तुत किया गया जिसमें दर्शाया गया कि सेठ दौलत राम एक निहायती कंजूस और लालची आदमी है।
वह इस कहानी का प्रमुख पात्र है
वह लालची तो इतना है कि जब उसका बेटा देश की सेवा के लिए कुछ धन उसे मांगता है तो वह उसे मना कर देता है और लालची इतना कि देश जब संकट काल में है उसे वक्त भी वह अपने मुनाफे का सोच रहा होता है।
इसका एक वफादार मुनीम और एक भरोसेमंद आदमी एवं उसकी कंपनी का CEO खन्ना कारोबार में उसके साथ रहते हैं।
एक रोज जब देश पर संकट के बादल छाए होते हैं तब सेठ दौलत राम अनाज की सप्लाई रोकने के लिए खन्ना से कहते हैं खन्ना वही करता है जो सेठ जी कहते हैं और उनके वफादार मुनीम जी काशी वाली फैक्ट्री के हिसाब में लग जाते हैं।
इस समय एक कबायली एजेंट सैलानी आता है, वह सेठ को पैसे का लालच देकर आटे में जहर मिलाने की बात कहता है क्योंकि सेठ जी की कंपनी का आटा फौज को भी सप्लाई होता है इसलिए सैलानी सोचता है कि वह सेठ को खरीद कर भारतीय सैनिकों को हानि पहुंचाए।
सेठ उसकी बातों में आ जाता है और अपने देश का सौदा कर बैठता है मुनीम उसको समझने का प्रयास करता है परंतु वह उसमें असफल रहता है और सैलानी का पता खोजने के लिए निकल पड़ता है।
सेठ दौलत राम पैसों का हिसाब कर ही रहा होता है कि इस समय खन्ना सेठ से आकर बताता है कि उसका बेटा जो उससे नाराज होकर 4 साल पहले घर पर चला गया था वह फौज में भर्ती है और उसकी तबीयत खराब चल रही है।
सेठ समझ जाता है की उसी की फैक्ट्री का आटा खाकर यह सब हुआ है वह विलाप कर ही रहा होता है कि इस समय मुनीम जी एक पत्र लेकर आते हैं जिसमें लिखा होता है सेठ जी का पुत्र अशोक मर चुका है, सेठ को अपने किए पर बहुत पछतावा होता है अपने बेटे को खोने के बाद वह पागल सा हो जाता है ओर जिन पैसों के लिए उसने यह सब किया उन्हीं को हवा में उड़ते हुए इस नाटक का अंत करता है नाटक में अभिनय डॉ इसरार अली, अर्चित गोयल, अमन वर्मा, चाँद हुसैन और निर्देशन मोहम्मद फुज़ैल ने किया।
इससे पहले लोक खुशहाली चैरिटेबल ट्रस्ट सभागार में कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. नीरज अग्रवाल, डॉ. विनोद पागरानी ने दीप प्रजवल्लित से किया।
कल हरिओम थिएटर फिरोजाबाद के नाटक”सम्बोधन”का मंचन होगा।