बरेली। रक्षाबंधन पर रोडवेज बसों में मुफ्त यात्रा के आखिरी दिन भी सीट हथियाने के लिए बहनों को धक्के खाने पड़े। हालांकि, परिवहन निगम के अफसर पर्याप्त बसे होने का दावा करते रहे। पुराने बस स्टैंड और सैटेलाइट बस स्टैंड पर सुबह के समय में बसों में अधिक भीड़ थी, शाम होते-होते दोनों ही बस स्टैंड पर यात्रियों की संख्या कम देखने को मिली। बहनों ने देहरादून, हरिद्वार के साथ मुरादाबाद, अलीगढ़, बदायूं-आगरा रूट की बसे नहीं मिलने पर नाराजगी जताई। रक्षाबंधन पर रोडवेज की बसों से सफर कर भाई के पास पहुंचने वाली बहनों को पहले भाइयों के पास पहुंचने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं, रक्षाबंधन निपटने के बाद घर वापसी के लिए, भी बसों में सीट पाने को लेकर काफी मशक्कत करनी पड़ी। यहां तक कई किलोमीटर तक महिलाओं को भीड़ में खड़े रहकर सफर करने को मजबूर होना पड़ा। दोनों ही बस स्टैंड पर रविवार सुबह करीच 11 बजे यात्रियों की काफी भीड़ रही। जो बसे थी वह यात्रियों से खचाखच भरी थी। सैटेलाइट बस स्टैंड पर बसों में बैठने की होड़ मची रही। महिलाओं और पुरुषों ने खिड़की से बैग और रुमाल आदि रखकर सीट सुरक्षित करने का प्रयास किया, लेकिन इसमे कोई कामयाबी नही मिल सकी। भीड़ के कारण जिसे जहां जगह मिली। वही बैठ गया। इसे लेकर कुछ यात्रियों में नोकझोंक भी हुई। दोपहर तक यह क्रम जारी रहा। शाम करीब चार बजे दोनों ही बस स्टैंड पर हालात सामान्य से थोड़ा इतर दिखे। कई बसें खाली खड़ी थी। बरेली रोजन में रोडवेज की बसों ने दो दिन 1,61,957 यात्रियों को मुक्त यात्रा कराई है। इनसे 1 करोड 92 लाख 8, 134 रुपये की इनकम हुई है। इनको सफर के दौरान फ्री टिकट दिए गए। सरकार इसका भुगतान परिवहन निगम को त्योहार निपटने के बाद करेगी। दो दिन में बरेली डिपो की बसी से 40,062. रुहेलखंड डिपो की बसों से 44,644, बदायूं डिपो की बसी 54,371 और पीलीभीत डिपो की बसों से 22830 यात्रियों ने विभिन्न रूटों पर की यात्रा का लाभ उठाया।।
बरेली से कपिल यादव