बाड़मेर जिले में करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद भी धरातल पर रहता है आधा अधूरा विकास

राजस्थान/बाड़मेर- डीएफएमटी में जन कल्याणकारी एवं उपयोगी कार्याें को प्राथमिकता दें। राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप विकास कार्याें के चयन के दौरान खनन प्रभावित क्षेत्रों का विशेष ध्यान रखा जाएं। उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री के.के. विश्नोई ने बाड़मेर जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट कांफ्रेस हॉल में जिला मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट की गर्वनिंग काउंसिल की बैठक के दौरान यह बात कही।

उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री के.के. विश्नोई ने कहा कि आमजन के विकास विशेषकर शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कार्याें के साथ पर्यटन विकास के जुड़े नवाचार को भी प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि बाड़मेर जिले में कुछ इस तरह के नवाचार किए जाए जो स्थानीय लोगों के साथ प्रदेश एवं देश के पटल पर भी प्रेरणा के तौर पर शामिल हो। उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री विश्नोई ने डीएफएमटी के तहत कराए जाने वाले प्रस्तावित कार्याें के बारे में विस्तार से अवगत कराया।

डीएफएमटी गर्वनिंग काउंसिल की बैठक जिला कलक्टर टीना डाबी की अध्यक्षता में आयोजित हुई। इस दौरान जिला कलक्टर टीना डाबी ने कहा कि राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप डीएफएमटी में विशेष रूप से खनन प्रभावित इलाकों में शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ जन उपयोगी कार्याें को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि बाड़मेर जिले में डीएफएमटी में करीब 109 करोड़ की राशि उपलब्ध है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जन प्रतिनिधियों के प्रस्तावों को प्राथमिकता देने के साथ यह प्रयास किया जाएगा कि अधिकाधिक जन उपयोगी कार्य कराए जा सके।

बाड़मेर-जैसलमेर सांसद उम्मेदाराम बेनिवाल ने कहा कि शिक्षा से जुड़े कार्याे को प्राथमिकता दी जाए। ताकि झालावाड़ जैसे हादसे की पुनरावृति नहीं हो। उन्होंने राजकीय महाविद्यालय में अतिरिक्त कक्षा कक्ष, पुस्तकालय एवं राजकीय चिकित्सालय में सिटी स्केन, कैथ मशीन सरीखी सुविधाओं की जरूरत जताई। उन्होंने विद्यालयों में डिजिटल बोर्ड लगवाने पर डीएफएमटी के बजट के इस्तेमाल की बात कही।

चौहटन विधायक आदूराम मेघवाल ने शिक्षा के क्षेत्र में अधिकाधिक राशि के व्यय के साथ चौहटन के धोरो एवं वीरातरा में रोप वे सरीखे कार्याें के जरिए पर्यटन विकास की बात कही। उन्होंने क्षतिग्रस्त सड़कों के मरम्मत करवाने की बात कही।

बाड़मेर विधायक डॉ. प्रियंका चौधरी ने आमजन की जरूरत के कार्याें को प्राथमिकता से शामिल किया जाए। उन्होंने विद्यालयों में कक्षा कक्ष निर्माण, राजकीय चिकित्सालय में सिटी स्केन, एमआरआई एवं केथ मशीन की सुविधा के कार्याे के साथ लव कुश वाटिका की तर्ज पर बाड़मेर में वाटिका विकसित करवाने की जरूरत जताई।

शिव विधायक रविन्द्रसिंह भाटी ने कहा कि डीएफएमटी की अधिकाधिक राशि का संबंधित खनन प्रभावित इलाकों में व्यय किया जाए। उन्होंने विद्यालय भवन निर्माण के प्रस्तावों को प्राथमिकता देने की बात कही।

अतिरिक्त जिला कलक्टर राजेन्द्रसिंह चांदावत ने जन प्रतिनिधियों एवं काउंसिल सदस्यों एवं विभागीय अधिकारियों को आभार जताते हुए बताया कि राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित करते हुए डीएफएमटी के तहत विकास कार्य करवाए जाएंगे। उन्होंने डीएफएमटी के तहत कराए जाने वाले कार्याें के बारे में राज्य सरकार के नवीनतम दिशा-निर्देशों के बारे में विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि खनन क्षेत्रों के 0 से 15 किमी के दायरे में 70 फीसदी एवं 15 से 25 किमी के दायरे में 30 फीसदी राशि व्यय की जानी है।

बैठक के दौरान मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि कुमार, रामसर उपखंड अधिकारी आईएएस छायासिंह, बाड़मेर उपखंड अधिकारी आईएएस यथार्थ शेखर, कोषाधिकारी जसराज चौहान, खनि अभियंता वेदप्रकाश, अधीक्षण अभियंता सूराराम चौधरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विष्णुराम विश्नोई समेत विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

– राजस्थान से राजूचारण

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