राजस्थान/बाड़मेर- जिला कलक्टर टीना डाबी के निर्देशानुसार उपखंड अधिकारियों ने शनिवार को जिलेभर में बरसात के मौसम को देखते हुए विद्यालयों का निरीक्षण कर जर्जर एवं क्षतिग्रस्त भवनों को चिह्नित किया और शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं संस्था प्रधानों को सुरक्षा के दृष्टिकोण से उचित कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों की कड़ाई से पालना करते हुए जर्जर भवनों में किसी भी स्थिति में बच्चों को नहीं बैठाने के निर्देश दिए।
उपखंड अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक निर्माण विभाग, राजस्व विभाग और शिक्षा विभाग के ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों के साथ विद्यालयों का दौरा किया। इस दौरान जिन विद्यालयों के भवन जर्जर पाए गए, उनमें तत्काल प्रभाव से विद्यालय संचालन अन्यत्र करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही जिन भवनों के कक्षा-कक्ष में पानी के रिसाव की समस्या पाई गई, उन कक्षा-कक्षों को बंद करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही शिव उपखंड अधिकारी यक्ष चौधरी ने शिव में प्रधानाचार्यों (पीईईओ) की बैठक ली। उन्होंने विद्यार्थियों की सुरक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए जर्जर कमरों को सील करने एवं वहां से बच्चों को अन्यत्र शिफ्ट करने के निर्देश दिए। उन्होंने धनानी में मेघवालों की ढाणी, चक गूंगा, जसे का गांव, आकली, राने जी की बस्ती, कुम्हारों की ढाणी, खेजड़ली में संचालित राजकीय विद्यालायों का निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ सार्वजनिक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता भी उपस्थित थे। श्री चौधरी ने निरीक्षण कर संस्था प्रधानों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए।
रामसर उपखंड अधिकारी छाया सिंह ने राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय अजबानी और सेतरू के भवनों का निरीक्षण कर जर्जर कमरों में विद्यार्थियों को नहीं बैठाने तथा सुरक्षा के लिए पूरी सावधानी बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने विद्यालयों के जर्जर कमरों में छात्रों को नहीं बैठाने के लिए नोटिस चस्पा करवा गया, कमरों को ताले लगवाए गए और जो विद्यालय ज्यादा जर्जर थे, वहां तारबंदी करवा करवा कर प्रवेश को रोका गया है। निरीक्षण के दौरान गागरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का भवन भी उपयोग योग्य नहीं पाया गया इसलिए इसे भी बंद करवाया गया है। भूटिया और गागरिया के पटवार भवनों के जीर्ण-शीर्ण स्थिति में होने पर इन्हें बंद करवाया गया है। उपखंड अधिकारी के अतिरिक्त रामसर उपखंड के तहसीलदार, सार्वजनिक निर्माण विभाग, शिक्षा विभाग, चिकित्सा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने भी अपने-अपने विभाग के कार्यालयों का निरीक्षण किया।
इसी प्रकार उपखंड अधिकारी बद्रीनारायण विश्नोई द्वारा महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम राजकीय विद्यालय सेड़वा, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय धनाउ, भंवार, गुले की बेरी का निरीक्षण किया। शिक्षा विभाग के पीईइयो को विद्यालयों की छतों की साफ-सफाई करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सौंदड़ी के विद्यालय के खेल मैदान के उपर से 132 केवी विद्युत लाइन को शिफ्ट करने के लिए उर्जा विभाग के सहायक अभियंता को शिफ्ट करने के लिए निर्देश दिए। उपखंड क्षेत्र में जो जर्जर पानी की टंकियां हैं, उनका भौतिक सत्यापन करवा कर सहायक अभियंता पीएचईडी को निर्देशित किया।
धोरीमन्ना के उपखंड अधिकारी भागीरथ विश्नोई द्वारा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों मेयो का तला और राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बूट जैतमाल में निरीक्षण के दौरान विद्यालय भवन के दो कमरे जर्जर पाए गए, उनको तारबंदी करके बंद करवाया गया है। इस तरह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कांतरला खिलेरियान में एक कमरे की छत क्षतिग्रस्त पाई गई, जिसे बंद करवाकर नोटिस चस्पा किया गया। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रोहिला गांव में छह कमरे क्षतिग्रस्त थे, जो पूर्व में भी काम में नहीं लिए जा रहे थे, उन्हें भी तारबंदी के जरिए बंद करने के निर्देश दिए। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय कांवों की बेरी में एक कमरा क्षतिग्रस्त पाया गया, उसको बंद करवाकर उसमें छात्रों को नहीं बिठाने के निर्देश दिए। इनके साथ सहायक अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग सुरेश कुमार, सीबीआई खेराराम भी साथ उपस्थित थे।
गुड़ामालानी के उपखंड अधिकारी राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गुड़ामालानी, तहसील परिसर में बने हुए राजकीय आवासों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी का कार्यालय गुड़ामालानी स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में चल रहा था, जिसकी वजह से कक्षा-कक्षों के लिए जगह कम पड़ रही थी। इसके लिए सीबीईओ कार्यालय को तुरंत पंचायत समिति परिसर में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही उपखंड अधिकारी द्वारा सार्वजनिक निर्माण विभाग, पंचायत समिति के जेटीए और शिक्षा विभाग के प्रधानाचार्यों को जर्जर भवनों के रिपेयर करने के एस्टीमेट बनाने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही विभिन्न तहसीलदारों, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, विकास अधिकारियों द्वारा भी जिले में विभिन्न स्थानों पर विद्यालयों का निरीक्षण किया गया। इनके द्वारा जर्जर भवन, छत, बरामदे, दीवार आदि की निर्धारित प्रारूप में सूचना भिजवाने तथा जर्जर भवनों एवं कमरों में विद्यार्थियों को नहीं बैठाने के निर्देश दिये गये।
– राजस्थान से राजूचारण