फरीदपुर, बरेली। रामगंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा। इससे इसके किनारे के गांवों में बाढ़ का खतरा सताने लगा है। बढ़ते जलस्तर ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। गौशाला, अंत्येष्टि स्थल और पंचायत भवन के निकट की जमीन पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। गुरुवार को ग्राम गुर्जर गौटिया का स्थलीय निरीक्षण करने वाली प्रशासनिक टीम ने पाया कि रामगंगा नदी का ग्राउंड लेवल हाई फ्लड लेवल से नीचा होने के कारण बाढ़ का खतरा बना हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि जलस्तर कम होने पर स्थिति सामान्य हो जाएगी। रामगंगा के कटाव को रोकने के लिए पिछले वर्ष 2024-25 में 390 मीटर लंबी कटान निरोधक परियोजना प्रस्तावित की गई थी, जिसकी लागत 326.04 लाख रुपये आंकी गई थी। यह प्रस्ताव 27 अक्टूबर 2024 को मुख्य अभियंता समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। समिति के निर्देशों के बाद, संशोधित परियोजना 285.17 लाख रुपये की लागत के साथ 7 जनवरी 2025 को उत्तर प्रदेश तकनीकी सलाहकार समिति के समक्ष रखी गई। लेकिन समिति ने इसे आगामी बरसात के बाद नदी के व्यवहार और स्थलीय आवश्यकताओं के आधार पर पुनः प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। अब, वर्ष 2025-26 में बाढ़ के मौसम के बाद, प्रशासन ने एक बार फिर कटान निरोधक कार्य की परियोजना तैयार करने का वादा किया है। यह परियोजना मुख्य अभियंता समिति के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी, लेकिन ग्रामीणों के लिए यह इंतजार किसी अनंत काल से कम नहीं। “हर साल वही वादे, वही कागजी कार्रवाई। लेकिन हमारी जमीन हर बरसात में कटती जा रही है।।
बरेली से कपिल यादव