बरेली। सावन को शिवार्चन, उपवास और पूजन का महीना माना जाता है। यह भगवान शिव के त्याग, आशीर्वाद और पशुपति रूप में आनंद का उत्सव है। इस बार 11 जुलाई शुक्रवार को सावन का शुभारंभ हो रहा है। इस माह में चार सोमवार होंगे। नौ अगस्त को इसका समापन होगा। बरेली के नाथ मंदिरों मे सावनभर कांवड़ियों की भीड़ रहेगी। इसे लेकर मंदिरों में तैयारियां पूरी कर ली गई है। बरेली के आचार्य राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि सावन माह शिवार्चन के लिए सर्वोत्तम है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, श्रावण में ही समुद्र मंथन हुआ था। इस दौरान निकले विष का पान भगवान शिव ने किया था। इस विष के प्रभाव को शांत करने के लिए सावन में शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है। सावन का महीना हरियाली और जीवन का प्रतीक है। धोपेश्वरनाथ मंदिर में शिवलिंग को कमल, मोगरा, कनेर के फूलों व बेलपत्रियों से चालीस दिनों तक मोहक रूप से सजाया जाता है। त्रिवटीनाथ, पशुपतिनाथ, अलखनाथ, मढ़ीनाथ, वनखंडीनाथ, तपेश्वरनाथ मंदिर समेत शहर के सभी शिवालयों में साफ सफाई की गई। मंदिरों के बाहर पूजन सामग्री की दुकानें सज गई है। पशुपति नाथ मंदिर के आचार्य अंकित शर्मा ने बताया कि मंदिर व तालाब की सफाई हो चुकी है। सावन में चालीसा रखने वाले भक्त दस दिन पहले ही व्रत आदि की शुरुआत कर देते हैं। मान्यता है कि सावन में देवी पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए चालीस दिन की कठोर तपस्या की थी। इससे प्रसन्न होकर भगवन शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। चालीसा के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से पापों से मुक्ति मिलती है। श्रावण मास की शुरुआत रवि योग में होगी। इसी माह एक विशेष शिव योग बन रहा है। इस योग को दुर्लभ और शुभ माना जाता है। आचार्य रमाकांत दीक्षित ने बताया कि यह योग जीवन में विशेष उन्नति, भाग्योदय और आकस्मिक लाभ का संकेत देता है। वहीं, इस बार शनि भी वक्री अवस्था में हैं। वक्री अवस्था में शनि ग्रह पृथ्वी के अधिक निकट होता है, जिससे उसका प्रभाव अधिक होता है। इस स्थिति में तनाव बढ़ेगा, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो जल्दबाजी में निर्णय लेते हैं या मानसिक रूप से पहले से ही दबाव में है। सावन में सोमवार को भगवान शिव की पूजा और व्रत का विशेष महत्व है। नारद पुराण के अनुसार, श्रावण मास के सोमवार पर जो लोग चालीसा करते हैं, वह आषाढ़ शुक्ल षष्ठी से श्रावण पूर्णिमा तक पड़ने वाले सभी सोमवार को व्रत रखते हैं। यह व्रत अर्थ सिद्धि प्रदाता है। सोमवार के दिन भगवान शिव और चंद्रमा की पूजा का विधान है।।
बरेली से कपिल यादव