बरेली। हजरत अब्बास की शहादत की याद मे 8 मोहर्रम को शिया समुदाय ने ऐतिहासिक और कदीमी जुलूस निकाला। जुलूस इमामबाड़ा फतेह अली शाह काला इमामबाड़ा से शुरू हुआ। मजलिस को दिल्ली से आए मौलाना नेमत अली कुम्मी ने खिताब किया। जिन्होंने हजरत अब्बास की बहादुरी और करबला की तपिश भरी रातों को बयान किया। उनकी तकरीर सुनकर मोमिनों की आंखें नम हो गई। ऑल इंडिया गुलदस्ता ए हैदरी के मीडिया प्रभारी शानू काजमी ने बताया कि जुलूस किला चौकी, दूल्हा मियां मजार, इंग्लिशगंज, जामा मस्जिद रोड, चिड़ीमार कुआं, शबाब जैदी के इमामबाड़ा, जसोली नाला होते हुए मलूकपुर इमामबाड़ा फतेह निशान पहुंचा। वहां अंजुमनों ने नौहख्वानी की। इसके बाद जुलूस दरगाह आला हजरत रोड, इंदिरा मार्केट, कुमार टाकीज गली होते हुए जज साहब के इमामबाड़ा पहुंचा। यहां भी नौहख्वानी हुई। कुमार टाकीज रोड पर अंजुमन शमशीर ए हैदरी और ऑल इंडिया गुलदस्ता ए हैदरी ने जंजीरी व कमा का मातम कर गम-ए-अब्बास मनाया। जुलूस का समापन देर रात इमामबाड़ा फतेह अली शाह काला इमामबाड़ा मे हुआ।।
बरेली से कपिल यादव