बरेली। मैम, हमारी शादी 2018 मे बिजनौर जिले के मकसूदपुर थाना क्षेत्र के सोहरा गांव निवासी इमरान से हुई थी। शादी के बाद पहली संतान बेटी पैदा हुई। यह बात ससुरालवालों और पति को बहुत बुरी लगी। पहले से दहेज में बुलेट की मांग थी। बेटी पैदा होने पर और ताने मिलने लगे। इसके बाद पति ने घर से निकाल दिया। दूसरी शादी कर ली। मैं अपनी डेढ़ साल की बेटी के साथ सोचीगंज में मायके में रह रही हूं। आपसे बहुत उम्मीद है। हमें न्याय चाहिए। यह पौड़ा नूर बी ने सर्किट हाउस मे आपके द्वार आयोग कार्यक्रम मे आयोजित जनसुनवाई में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर के सामने बयां की। यह पीड़ा किसी एक महिला की नही थी, बल्कि जनसुनवाई कार्यक्रम में सभी महिलाएं अपनी पीड़ा लेकर आई थी। बात रखने का मौका मिला तो आयोग की अध्यक्ष को अपना हमदर्द समझकर आपबीती बयां की। खरदा क्षेत्र की रेशमा ने कहा कि उनकी शादी पीलीभीत में हुई थी। अक्टूबर 2024 में पति की मौत हो गई। आरोप लगाया कि ससुराल के लोगों ने पति की मौत के बाद प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। यहां तक कि गलत आरोप में पुलिस से मिलकर जेल भिजवाने की कोशिश की। बोली कि मेरे ही पति की मौत हो गई और मुझे ही पति की मौत के इल्जाम में जेल में डलवाने की कोशिश की। कहा कि डेड़ साल की बेटी है, उसको लेकर कहां जाऊं। रामवाटिका निवासी रोमि सिंह ने आयोग की अध्यक्ष से कहा कि कई साल पहले पति की मौत हो चुकी है। उनके एक बेटा है। ससुर और अन्य लोगों ने एक रात को कमरे में घुसकर उन्हें घर से बाहर निकाल दिया। कई लोगों पर केस दर्ज कराया था। आरोप लगाया कि वे लोग घर पर कब्जा करके उनकी और उनके बेटे की हत्या करना चाहते हैं। उनके पास तमाम इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी हैं। महिला ने मामले में नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है। कहा कि जीविकापार्जन के लिए बच्चों को पढ़ाकर गुजर बसर कर रही हूं। हमें पुलिस से न्याय चाहिए। रीमि ने कहा कि आयोग की अध्यक्ष ने बात सुनी है। उम्मीद है न्याय मिलेगा। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने महिला जन सुनवाई कार्यक्रम मे पूर्व से लंबित 44 शिकायतों की समीक्षा की। संबंधित शिकायतकर्ता और उनके विवेचकों के साथ मामलों में की गई प्रभावी कार्रवाई के बारे में जानकारी ली। विवेवकों ने बताया कि सभी मामलों का गुणवत्ता पूर्व तरीके से निस्तारण करा दिया गया है। वही जन सुनवाई कार्यक्रम मे 25 नई और शिकायते प्राप्त हुई। इसमें तीन शिकायतों में आयोग की अध्यक्ष ने संबंधित थानेदारों को प्रभावी कार्रवाई कर इंसाफ दिलाने के आदेश दिए। जबकि 22 मामलों में राष्ट्रीय महिला आयोग के स्तर से कार्रवाई के लिए अग्रसारित किया जाएगा।।
बरेली से कपिल यादव