बरेली। बेसिक शिक्षा विभाग मे सहायक शिक्षक के पद पर तैनात रही शुमायला खां अपने ऊपर दर्ज मुकदमे को खत्म कराने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। शुमायला ने कोर्ट में याचिका दायर कर मुकदमे को खत्म करने की गुहार लगाई है। उसने याचिका में छह माह के उम्र से रामपुर में रहने का हवाला दिया है। साथ ही बिना किसी ठोस आधार पर रिपोर्ट दर्ज करना बताया है। हाईकोर्ट से फतेहगंज पश्चिमी इंस्पेक्टर प्रदीप चतुर्वेदी को भी नोटिस जारी किया गया था। इंस्पेक्टर ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर दिया है। दरअसल, फतेहगंज पश्चिमी के माधौपुर प्राथमिक विद्यालय में फर्जी दस्तावेज से सहायक अध्यापक पद पर कई साल नौकरी करने वाली पाकिस्तानी महिला शुमायला खान को पुलिस तलाशती रही, लेकिन, वह उसका कुछ सुराग नहीं लग सका। हालांकि शिक्षा विभाग ने उसे बर्खास्त भी कर दिया है। 17 जनवरी को फतेहगंज पश्चिमी थाने मे स्थानीय तत्कालीन बीईओ भानु शंकर ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि पाकिस्तानी महिला शुमायला खां ने जिला रामपुर की सदर तहसील से बनाए गए कूटरचित दस्तावेज लगाकर फतेहगंज पश्चिमी ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय माधौपुर में सात अप्रैल 2015 को सहायक अध्यापक के रूप तैनाती ली थी। किसी की शिकायत पर एलआईयू ने जांच की तो शुमायला खां के माता-पिता की नागरिकता पाकिस्तान के लाहौर की निकली। इसके चलते एसडीएम रामपुर सदर ने उसका मूल निवास प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया। शिक्षा विभाग ने कार्रवाई करते हुए दो साल पहले अध्यापिका को नौकरी से हटा दिया। जांच के दौरान जब वह भारतीय नागरिकता का कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाई तब विभाग ने उसे बर्खास्त कर दिया। रिपोर्ट दर्ज होते ही पुलिस उसकी तलाश कर रही थी कि इसी बीच वह हाईकोर्ट पहुंच गई।।
बरेली से कपिल यादव