फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने वाले शिक्षक को भाई के साथ एसटीएफ ने किया गिरफ्तार, भेजे जेल

बरेली। एसटीएफ की अयोध्या यूनिट ने बरेली एसटीएफ के साथ बदायूं रोड स्थित देवचरा के दिलजीत इंटरनेट कैफे पर छापा मारा। टीम ने यहां से खेड़ा गांव निवासी देव कुमार और रवि कुमार नाम के दो सगे भाइयों को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से 26 फर्जी जन्म प्रमाणपत्र और पांच मृत्यु प्रमाणपत्र मिले। टीम ने उनके दो लैपटॉप, प्रिंटर और आदि सामान जब्त कर लिया। टीम इन दोनों को भमोरा थाने ले आई। यहां दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। सीओ एसटीएफ अयोध्या यूनिट प्रमेश कुमार शुक्ल ने बताया कि काफी समय से सूचना मिल रही थी कि फर्जी वेबसाइट, साफ्टवेयर और पोर्टल के माध्यम से फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा आधार कार्ड और पासपोर्ट बनाकर कई सरकारी योजनाओं का अवैध रूप से लाभ लिया जा रहा है। इसके अलावा फर्जी कागजों के दम पर फर्जी बैनामा और वसीयत भी बनाई जा रही थी। आरोपियों को पकड़ने के लिए एक टीम गठित की गई। टीम ने मंगलवार को भमोरा के देवचरा में दिलजीत इंटरनेट कैफे में दबिश देकर दो भाइयों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपियों को भमोरा थाने लाया गया और उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई। एसटीएफ के अनुसार आरोपी लंबे समय से फर्जी कागजात बनाते थे और इसके माध्यम से वे लोगों से मोटी रकम वसूलते थे। पूछताछ मे पता चला कि देव सिंह रामभरोसे लाल इंटर कॉलेज, देवचरा मे इतिहास का अध्यापक है। वह अपने भाई के साथ मिलकर ऑनलाइन फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का काम करता है। दोनों फेसबुक के माध्यम से फर्जी पोर्टल बनाने वाले से संपर्क कर पोर्टल बनवाते है और फेसबुक के माध्यम से विभिन्न ग्रुप मे जुड़कर जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के विज्ञापन मे अपना मोबाइल नंबर डालते है। उसके बाद कुछ व्यक्ति व्हाट्सएप के माध्यम से जुड़ते है। उसके बाद पोर्टल का लिंक भेजकर रजिस्ट्रेशन और क्यूआर कोड भेजकर शुल्क जमा कराते है। इसके बाद राज्य के अनुसार फर्जी प्रमाणपत्र पत्र बना देते है। इसके लिए किसी दस्तावेज की आवश्यकता नही होती है। क्यूआर कोड की जानकारी से पता चला कि इस पर तीन साल मे 28 लाख से अधिक रुपये भेजे जा चुके है।।

बरेली से कपिल यादव

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