अजहरी परचम के साथ उर्स-ए-ताजुश्शरिया का आगाज, निकला जुलूस, जगह-जगह हुआ स्वागत

बरेली। रविवार को अजहरी परचम लहराते ही दो रोजा उर्स-ए- ताजुश्शरिया का आगाज हो गया। रविवार की शाम मोहल्ला शाहबाद से परचम का जुलूस निकाला गया। जगह-जगह लोगों ने जुलूस का स्वागत किया। दरगाह ताजुश्शरिया से मथुरापुर मदरसे तक जायरीन की भीड़ नजर आई। सोमवार को कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी। उर्स-ए-ताजुश्शरिया के पहले दिन दरगाह ताजुश्शरिया पर कुरानख्वानी और नात मनकबत की महफिल सजाई गई। दिनभर दरगाह आला हजरत और दरगाह ताजुश्शरिया पर अकीदतमंद हाजिरी देकर चादरपोशी करते रहे। दोपहर के बाद परचम कुशाई का जुलूस शाहबाद स्थित मिलन शादी हाल से सैय्यद कैफी के निवास से शुरू हुआ, जो विभिन्न मार्गों से होते हुए दरगाह ताजुश्शरिया पर पहुंचा। यहां सज्जादानशीन मुफ्ती असजद मियां के हाथों परचम कुशाई की रस्म अदा की गई। मुफ्ती असजद रजा खान (असजद मियां) ने देश-विदेश से आए उलमा और अकीदतमंदों की मौजूदगी में दुनियाभर में अमन-ओ-सूकून की दुआ की। रविवार को दिन में तीन परचमी जुलूस निकाले गए। जिसकी कयादत काजी-ए-हिंदुस्तान के दामाद जमात रजा ए मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान मियां ने की। पहला परचमी जुलूस कोहाड़ापीर से सय्यद कैफी अली के निवास से, दूसरा आजमनगर से मोहम्मद साजिद और तीसरा सैलानी से समरान खान के निवास से निकला। तीनों जुलूस अपने रास्तों से कुतबखाना, घंटाघर, बिहारीपुर ढाल होते हुए दरगाह ताजुश्शरिया पहुंचे। फरमान मिया और उर्स कोर कमेटी का जगह जगह फूलों से लोगों ने जोरदार स्वागत किया। जुलूस से पहले फरमान मियां ने कहा कि ताजुश्शारिया ने अपनी पूरी जिंदगी मजहब और मसलक के लिए गुजार दी। उर्स की व्यवस्था मोईन खान, समरान खान, अब्दुल्ला रजा खान, मौलाना शम्स, हाफिज इकराम रजा, शमीम अहमद, कौसर अली, मो. जुनैद रजा, जुल्फिकार अहमद, जहीर अहमद, जफर बेग, मो. जुनैद रजा, साकिब अली, साकिब खान, आतिफ खान, कैफी अली, रहबर रजा, अली रजा, शाहबाज खान, मोनिस रजा, अनस रजा, नोफिल रजा आदि संभाल रहे है। वही दो रोजा उर्स-ए- ताजुश्शरिया में सोमवार को दरगाह ताजुश्शरिया पर कुरानख्वानी का आयोजन होगा। सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर मुफस्सिर-ए-आजम (जिलानी मियां) के कुल की रस्म अदा की जाएगी। सीबीगंज स्थित मदरसा जामियातुर रजा में बाद नमाज-ए-जोहर देश विदेश से आए उलमा-ए-इकराम की तकरीर होगी। शाम 7 बजकर 14 मिनट पर ताजुश्शरिया मुफ्ती अख्तर रजा खां (अजहरी मियां। का कुल शरीफ होगा। इसी के साथ दो रोजा उर्स-ए-ताजुश्शरिया के कुल का समापन हो जाएगा।।

बरेली से कपिल यादव

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