अपराधियों को पकड़ने में हुएं कामयाब : विकास कुमार

* नकलची थानेदारनी और जोधुपर से गोवा तक कड़ी जुड़ने पर ही मिशन शतक से भी आगे बढ़ा

राजस्थान/बाड़मेर- पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने कहा कि एक अन्तराल के बाद पेपर लीक घोटालेबाजों पर फिर से साईक्लोनर की वक्र दृष्टि पडी़ और राजस्थान के रेतीले धोरों से गोवा के समुद्र तट तक रेत छानकर मलाई छान रहे पेपरलीक के मुख्य सुत्रधार की गरदन तक आखिरकार पुलिस के हाथ पहुँचे। ऑपरेशन तर्पण चलाकर उप निरीक्षक भर्ती घोटाले के सुत्रधार पति-पत्नी दोनों की एक ही समय पर अलग-अलग जगहों गोवा ओर जोधपुर में गिरफ्तारी की गई है। पुलिस का पावर देखकर ही आंखों में अपराध का सुरमा डाल कर पुलिस बनने के सपने देखे,एक अन्तराल के बाद बड़े घोटालेबाजों की गिरफ्तारी की 13वीं एवं 14वीं कड़ी के रूप में पति-पत्नी युगल को शानदार पेशेवर अंदाज में दबोचने में सफलता मिली है।

कुमार ने बताया कि बेहद सतर्क व पेशेवर तरीके से चलाये गये ऑपरेशन तर्पण के तहत एक ही समय में साईक्लोनर की दो टीमों के द्वारा एक साथ गोवा के कालांगुट और जोधपुर के खेमे का कुओं ईलाके में दो ठिकानों से पति नरपतराम और पत्नी इन्द्रा को दबोच लिया गया। अगर यह कार्यवाही सुनियोजित तरीके से एक साथ नही की जाती तो एक के पकडे जाते ही दूसरा फरार हो भूमिगत हो जाता।

पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि राजस्थान में बेरोजगार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले पेपरलीक के घोटालेबाजों पर एस.ओ.जी. की सहायता करते हुए साईक्लोनर टीम का वज्र प्रहार लगातार जारी है। एक तरफ तीन दिन से गोवा के समुद्री तटों पर दर-दर की खाक छानती रही साईक्लोनर टीम तो दूसरी तरफ जोधपुर के सघन रिहायशी इलाके में रिश्तेदारों की बड़ी फौज के मध्य इन्द्रा को तलाशना भी टेढी खीर सा काम था, जिसे साईक्लोनर टीम ने सफलतापूर्वक कर दिया । गोवा के कालांगुट बीच पर गोवा वाईन्स की दुकान पर सेल्समेन का काम करता पकड़ा गया पति नरपत तो जोधपुर के खेमे के कुओं इलाके में छुपकर दिन काटती हुईं मिली पत्नी इन्द्रा।

कुमार ने कहा कि जिस परीक्षा में दूसरे के बदले परीक्षा दी उसमें स्वयं तो फेल हो गयी पर जिसके बदले दी वह पास होकर प्लाटून कमाण्डर बन गई। लाईब्रेरी में हरखु से हुई इन्द्रा की मुलाकात। पढाई में हॉशियार इन्द्रा हरखु को पढाई के गुर सिखाती रहती। पढ़ने में कमजोर पर दुनियादारी में होशियार हरखु ने इन्द्रा को कमाई के गुर सिखा दिये इन्द्रा को और अपनी जगह परीक्षा में बैठने का ऑफर दे डाला।
प्रतियोगिता परीक्षा में अन्तिम रूप से सफलता की कुंजी पैसे को मान बेठा इन्द्रा का पति नरपत इस मौके को तत्काल चुन बैठा और बन बैठा घोटाले का सुत्रधार। नरपत का मानना था कि बिना पैसे दिये किसी भी साक्षात्कार को पास करना संभव ही नहीं है तो पत्नी का भविष्य संवारने के सपने में पति-पत्नी दोनों का ही भविष्य मटियामेट कर डाला।

कुमार ने कहा कि दस्तयाब आरोपियों में से एक नरपतराम पुत्र श्री शंकरराम उम्र 29 साल जाति विश्नोई निवासी बड़ानिया पुलिस थाना बागोड़ा जिला जालोर है, जबकि दुसरी आरोपी इन्द्रा पत्नी नरपतराम जाति विश्नोई निवासी गांवड़ी बागोड़ा है।फर्जी तरीके से पास होकर उप निरीक्षक बनने में सफल रही हरखु की जान पहचान होने पर आरोपी इन्द्रा के पति नरपत ने हरखु को परीक्षा पास करवाने की गारण्टी दी। आरोपी नरपत ने उप निरीक्षक बनने में सफल रही हरख से परीक्षा पास करवाने के बदले 15 लाख रूपये देने की गारण्टी ली, जबकि मिलने वाली राशी से अपनी पत्नी का उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा में चयन करवाने हेतु साक्षात्कार में अधिक नम्बर दिलवाने की बात किसी बिचोलिये से तय हुई थी।

आरोपी इन्द्रा ने दिनांक 13 सितम्बर को स्वयं की परीक्षा दी जबकी अगले दिन डम्मी केन्डीडेट के रूप में हरखु की परीक्षा दी थी।एस.ओ.जी. की जांच में आरोपी हरखु का नाम आने पर उसे गिरफ्तार किया जिनसे डम्मी कॅन्डीडेट की पूरी व्यूहरचना का मास्टरमाइण्ड नरपत का नाम बताया था।फर्जी तरिके स उप निरीक्षक बनने में सफल रही आरोपी हरखु की गिरफ्तारी के बाद आरोपी नपरपत तथा उसकी पत्नी इन्द्रा ने अपना घर व रिश्तेदारों से सम्पर्क तोड़ते हुए अपना गांव छोड़ दिया एवं भूमिगत हो गये।

नकलची थानेदारनी सहित ऑपरेशन तर्पण हुआ सफल
विकास कुमार ने कहा कि एस.ओ.जी. द्वारा ईनाम घोषित किये जाने तथा साईक्लोनर टीम से मदद मांगे जाने पर साईक्लोनर टीम ने पति-पत्नी दोनों के ही परिवार को रडार पर लिया। आफिस में हमेशा की तरह ऐसे ही शोध करते-करते इन्द्रा के एक नजदीकी रिश्तेदार ने अपनी रिश्ते की साली का नम्बर देकर साईक्लोनर को चुनौती दी कि इस नम्बर में दोनो की फरारी का राज छुपा हुआ है, अगर तकनीकी दम है तो इन्हें खोजकर दिखाओ। बात तो दमदार कहीं थी और हमारे द्वारा पहले तो इस चुनौती को मजाक में लिया गया और साईक्लोनर टीम ने चुनौती स्वीकार करते हुए इस पर गहन शोध से उक्त नम्बर के तार समुद्र तटीय गोवा के किसी नम्बर से जुड़ते हुए मिले।

पिछले कई दिनों से एक नियत समय पर उक्त महिला अपने घर से दूर खेमे के कुओं की तरफ जाती वहां से गोपनीय तरीके से गोवा के नम्बर से सम्पर्क करती और वापिस घर लौट जाती। यह नित्य की दिनचर्या पाकर साईक्लोनर टीम ने टोह लेना शुरू कर दिया। संदेह की पुष्टि होते ही साईक्लोनर की एक टीम गोवा रवाना हो गयी। गोवा में तीन दिन के कड़ी मेहनत के बाद उत्तरी गोवा के कालांगुट इलाके के गोवा वाइन्स नामक दुकान पर शराब बेचता दिखा नरपतराम पर खेमे का कुओं में गुप्त ठिकानों का पता नहीं चल पा रहा था। शनिवार के दिन के नियत समय में तथाकथित महिला के घर कुड़ी भगतासनी से खेमे का कुओं का सफर पुरा होते ही साईक्लोनर टीम ने दोनों ठिकानों पर एक साथ दबिश पटक दी।

गोवा वाईन्स पर लापरवाही में बैठा नरपतराम आसानी से पकड़ में आ गया। ईघर खेमे का कुओं पर दबिश डालने में थोड़ी सी देर क्या हुई कि रफूचक्कर होने की पूरी तैयारी कर ली इन्द्रा ने। साईक्लोनर टीम ने दबिश डाली तो बैग में सामान पैक करती मिली इन्द्रा। थोड़ी सी भी देर होती तो हाथ से निकल जाती इन्द्रा। पूछने पर बताया कि गोवा में दबिश पड़ते ही किसी पडोसी ने उसकी बड़ी बहिन को सूचित कर दिया था। गोवा में ही एस.ओ.जी. की टीम को बुलाकर नरपतराम को किया हवाले तो जोधपुर में एस.ओ.जी की स्थानीय शाखा को सुपुर्द कर इन्द्रा को जयपुर भेजा गया है। उक्त कार्यवाही में अशोक परिहार तकनीकी मानवीय आसूचना में मुख्य भूमिका रही।

– राजस्थान से राजूचारण

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