बरेली। विदेश में नौकरी का सपना दिखाकर युवक से माल्टा का वर्क वीजा दिलाने के नाम पर करीब 2.9 लाख रुपये ठग लिए। आरोपी महिला ने खुद को वर्क वीजा प्रोसेस करवाने वाली एजेंट बताया और भरोसे में लेकर पैसे ऐंठ लिए। पीड़ित की शिकायत पर बारादरी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी है। बारादरी के खुशबू इन्क्लेव निवासी मो. अफरोज ने बताया कि वर्ष 2023 से 24 तक आर्मेनिया में वर्क वीजा पर काम कर रहा था। इस दौरान उसकी पहचान मोनिकालिका मुंडा से हुई जो भारत की रहने वाली है और उसी की तरह आर्मेनिया में वर्क वीजा पर काम कर रही थी। पीड़ित के अनुसार वह वीजा की अवधि पूरी होने पर वह भारत लौट आया और दोबारा विदेश जाने की कोशिश करने लगा। मोनिकालिका मुंडा ने कॉल और व्हाट्सएप के जरिए अफरोज से संपर्क किया और उसे माल्टा का वर्क वीजा दिलाने का दावा किया। उसने कहा कि उसका भाई इम्प्लॉयमेंट वीजा दिलाने का काम करता है। जिसके लिए 5.4 लाख रुपये की लागत आएगी 3 लाख रुपये पहले और 2.4 लाख रुपये वीजा मिलने के बाद देने होंगे। अफरोज ने नौकरी पाने की उम्मीद में भरोसा कर लिया और मोनिकालिका मुंडा के झारखंड के रांची स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर दिए। पीड़ित ने यह ट्रांजैक्शन अपने भांजे मो. अजमल के बैंक अकाउंट से किए। पहली बार 10 दिसंबर 2024 को एक लाख, 17 दिसंबर 2024 को एक लाख और 9 जनवरी 2025 को 90 हजार रुपये भेजे थे। रुपये मिलने के बाद मोनिकालिका मुंडा लगातार टालमटोल करने लगी और जब अफरोज ने बार-बार पूछताछ की तो उसने फोन उठाना बंद कर दिया। कुछ दिनों बाद उसका नंबर स्विच ऑफ हो गया। तब जाकर अफरोज को समझ आया कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है। ठगी का एहसास होने पर मो. अफरोज ने बारादरी थाने मे आरोपी मोनिकालिका मुंडा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।।
बरेली से कपिल यादव