न्यायपालिका पर हाबी होता कार्यपालिका: सेपरेशन आफ पावर हो रहा कमज़ोर

प्रयागराज- जहाँ हम अमृत महोत्सव मना रहे हर तरफ अमृत सरोवर, अमृत तालाब, अमृत स्नान जैसे नामों से समाचार ,पत्र पत्रिकाएं भरी पड़ी है वही दूसरी तरफ न्याय पालिका कहीं न कहीं मजबूर होकर बिषपान करने को मजबूर हो रही है, हाईकोर्ट में खाली पड़े न्यायमूर्तियों के पद को न भरने का मानो सरकार ने संकल्प कर लिया है, माननीय उच्चतम् न्यायालय के बार बार आग्रह के बाद भी “पीक एन्ड चूज” थीयरी के आधार पर न्यूक्तियां की जा रही है, आज के परिदृश्य में देखा जाय तो योग्य न्यायाधीश की संख्या घटती चली जा रही है, आम आदमी सरकार के नीतियों, गतिविधियों से पीड़ित होकर न्यापालिका की ही शरण लेती है, अगर न्यायपालिका सरकार के हर कार्य पर मुहर लगा कर आम आदमी के अधिकार को सुरक्षित करने में सफल नहीं रही तो फिर भारतीय संविधान के मूल भावना को ध्वस्त कर दिया जायेगा, सरकार को संविधान को प्रणाम करने के बजाय संविधान में वर्णित अनुच्छेद50 के मूल भावना पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है आज आम जनमानस इसलिए भी परेशान है कि विपक्ष को सरकार के गलत नितियों का विरोध करना चाहिए जिससे जनता के अधिकार सुरक्षित रहे लेकिन विपक्ष भी सही से अपनी बात रखने में नाकाम है अन्तोगत्वा हाईकोर्ट बार एशोसिएशन इलाहाबाद खुद न्यायिक कार्य से विरत रहकर गूंगी व बहरी सरकार को बताना चाह रही है खाली पड़े न्यायधीशों की संख्या भरी जाय एंव “पीक एन्ड चूज ” थीयरी से बचा जाय ताकि जन मानस की सुचिता न्यायपालिका पर बनी रहे।

– आशीष कुमार मिश्र एडवोकेट हाईकोर्ट, लीगल एडवाइजर ग्रामीण पत्रकार एशोसिएशन वाराणसी, लीगल एडवाइजर जर्नलिस्ट काउंसिल आफ इंडिया।

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