बरेली। एक जनवरी को बदायूं एसएसपी ऑफिस मे खुद को आग लगाने वाले युवक की 12वें दिन इलाज के दौरान मौत हो गई। मौत के बाद पुलिस ही युवक का पोस्टमार्टम करा रही है। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने युवक के परिजनों को पोस्टमार्टम हाउस पर रुकने नही दिया है। बताया जा रहा है कि युवक के परिजनों को पुलिस अपनी गाड़ी में बैठाकर इधर-उधर घुमा रही है। ताकि मीडिया के सामने वह अपने बयान न दे सकें। जनपद बदायूं सदर कोतवाली इलाके के मोहल्ला नई सराय निवासी 36 वर्षीय गुलफाम पुत्र फिरोज ई-रिक्शा चलाता था। उसका पत्नी से तकरीबन दो साल से विवाद चल रहा था। इसी विवाद मे उस पर मुकदमें भी लिखे जा चुके है। इधर एक जनवरी को दोपहर लगभग डेढ़ बजे के बाद गुलफाम अपनी मां और बहन के साथ एसएसपी आफिस पहुंचा। वहां उसने अपने ऊपर तेल छिड़ककर आग लगा ली। लपटें उठती देख वहां मौजूद पुलिसकर्मियों व सीओ उझानी शक्ति सिंह समेत अन्य पुलिस कर्मियों ने आग बुझाई और उसे गाड़ी मे डालकर सीधे अस्पताल ले गए। गुलफाम का आरोप था कि पत्नी व ससुरालियों के साथ इलाके के सभासद पति ने उसका ई-रिक्शा व रुपये छीन लिये और बंधक बनाकर पीटा। इसकी तहरीर देने पर कोतवाली पुलिस ने कार्रवाई नही की। सीओ ने उसे डोडा में जेल भेजने की धमकी दी। सदर विधायक महेश चंद्र गुप्ता ने पुलिस पर कार्रवाई न करने का दबाव बनाने का आरोप लगाया था। इस मामले में एसएसपी ने कोतवाल को निलंबित किया और सीओ संजीव कुमार का सर्किल बदल दिया था। आफिस गेट पर तैनात तीन सिपाहियों की मौजूदगी न होने पर उन्हें भी निलंबित किया था।।
बरेली से कपिल यादव