बरेली। पावर कारपोरेशन में संविदा कर्मचारियों की छंटनी के आदेश दिए गए है। इसके विरोध मे जिले के संविदा कर्मचारी शनिवार को झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार के भारत सेवा ट्रस्ट आवास, वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण कुमार और कैट विधायक संजीव अग्रवाल के कार्यालय पर पहुंचे। कर्मचारियों ने कहा कि वे लंबे समय से काम कर रहे है लेकिन अब उन्हें निकालने की तैयारी की जा रही है। संविदा कर्मचारियों की समस्याओं को सुनते हुए डॉ. अरुण कुमार ने उन्हें आश्वासन दिया कि किसी की नौकरी नही जाएगी। इस मामले मे वह पावर कारपोरेशन के अधिकारियों और मुख्यमंत्री से बात करेंगे। इस दौरान विद्युत संविदा मजदूर संगठन के उत्तर प्रदेश महामंत्री सुनील गोस्वामी ने कहा कि मध्यांचल मुख्यालय से जो नया आदेश आया है उसमें जिस कंपनी से अनुबंध हुआ है उसमें 20 प्रतिशत निविदा कर्मियों की छटनी की जाएगी। जिससे बरेली के लगभग 2,000 निविदा कर्मी प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि जिस संविदा कर्मी ने 15 वर्ष तक 20 वर्ष तक अपनी सेवाएं दी उनको एकदम निकाला जाएगा तो वह आखिर कहां जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी हम जन प्रतिनिधियों के माध्यम से यह संदेश दे रहे हैं कि इस आदेश को वापस लिया जाए। इसके बाद यदि हमारी बात नहीं सुनी गई तो हम मुख्यालय का घेराव करेंगे और हम अंतिम समय तक अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। जिलाध्यक्ष रिंकू श्रीवास्तव ने कहा कि अधिकारियों का संविदा कर्मचारियों पर शोषण चरम पर है लगातार कोई ना कोई नए नियम निकाले जाते हैं जिससे संविदा कर्मचारियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। मध्यांचल एमडी का घेराव करेंगे। अगर यह आदेश लागू होता है तो पूर्ण कार्य बहिष्कार किया जाएगा और फिर भी हमारी बात नही सुनी गई तो हम आत्मदाह कर लेंगे। जिला महामंत्री राहुल शर्मा का कहना है कि हम बरसों से आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्य करते चले आ रहे है। हमारी कंपनी का टेंडर खत्म हो चुका है। नई कम्पनी छटनी कर रही है। उनका परिवार भुखमरी के कगार पर आ जाएगा। अगर उनकी मांग पूरी नही की गई तो उनके आगे आत्महत्या के अलावा कोई दूसरा रास्ता नही है।।
बरेली से कपिल यादव