*भाई बहन के पवित्र रिश्ता को पैसों के लिए किया शर्मसार ,
*जिला प्रशासन को पता चला तो मचा हड़कंप, एफटीआर
हाथरस – सरकार की योजनाएं आम आदमी के कल्याण के लिए होती हैं,लेकिन कुछ लोगों को इन योजनाओं में मिलने वाले पैसे का इतना लालच होता है कि वे इसके लिए कुछ भी कर सकते हैं। यहां तक की भाई और बहन एक दूसरे से शादी भी कर सकते हैं।आप यह सुनकर दंग हो गए होंगे,लेकिन उत्तर प्रदेश के हाथरस में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जहां एक भाई और बहन ने कथित तौर पर एक दूसरे से शादी कर ली।साथ ही इस आयोजन में कई अन्य फर्जी शादियां कराने का भी आरोप लगाया जा रहा है।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना है।इसी योजना के तहत हाथरस में 15 दिसंबर 2023 को सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया गया था,जिसमें 217 जोड़ों का विवाह कराया गया।इस आयोजन में कई शादियों के फर्जी होने के आरोप लगे।
इसी आयोजन के दौरान सिकंदराराऊ में रहने वाले एक भाई बहन द्वारा आपस में विवाह करने का मामला भी सामने आया है।स्थानीय निवासियों ने इस मुद्दे को एसडीएम के समक्ष उठाया था।आरोप लगाया था कि सामुदायिक विवाह योजना के तहत पैसे हड़पने के लिए नगर निगम के एक कर्मचारी ने ये फर्जी शादियां कराई हैं, जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए थे।
शिकायतकर्ता आशीष कुमार ने कहा कि हमें भाई बहन की शादी की चर्चा सुनने को मिली थी। हमें लगा कि यह गलत हो रहा है और सरकार को चूना लगाया जा रहा है।इसके बाद हमने नगरपालिका से शादी की फोटो निकाली और शिकायत की।आशीष ने कहा कि लड़के का नाम जय और लड़की का नाम सुशीला है।सुशीला पहले से शादीशुदा है और उसके बच्चे भी हैं।
सिकंदराराऊ नगरपालिका के ईओ श्री चंद ने बताया कि इस मामले में कमेटी बनाकर प्रकरण की जांच कराई गई थी, जिसमें शिकायत सही पाई गई।श्री चंद ने कहा कि आरोपियों को शादी के बाद जो सामान मिला था उसे वापस लिया गया है।इस मामले में नगर पालिका के जिस कर्मचारी ने शादी के लिए उन्हें पात्र पाया था उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही की गई है।
बता दें कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत दुल्हन के बैंक खाते में 35,000 रुपये, जोड़े के लिए 10,000 रुपये के आवश्यक सामान के साथ ही विवाह समारोह में 6,000 रुपये खर्च किये जाते हैं।