बरेली। शुक्रवार से श्री भागवत सेवा समिति के तत्वावधान मे भव्य श्रीमद्भागवत कथा और सहस्त्रचंडी यज्ञ आरंभ हुआ। सुबह सुरेश शर्मा नगर स्थित शिव मंदिर से 101 कलश की भव्य शोभायात्रा बैंड बाजे के साथ निकली। सुहागिन महिलाएं सिर पर मंगल कलश धारण कर भजनों पर नाचते निकली। कलश यात्रा का विश्राम कथा स्थल कृष्णा नगर कालोनी, दुर्गानगर पर हुआ। मुख्य अतिथि महापौर डॉ. उमेश गौतम ने यज्ञशाला में अरणी मंथन कर, यज्ञ अग्नि उत्पन्न कर सहस्त्रचंडी यज्ञ का शुभारंभ किया। गया। यज्ञ प्रतिनिधि आचार्य मोहित शास्त्री ने बताया कि व्रत रखकर यज्ञाचार्यों के निर्देशन में भक्तों ने यज्ञ अनुष्ठान में आहूतियां दी। सायंकालीन सत्र में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन हुआ। इसमें कथा व्यास आचार्य रमाकान्त दीक्षित ने भक्तों को भागवत महात्म्य कथा सुनाते हुए कहा कि वृन्दावन में भक्ति आज भी युवा है जबकि ज्ञान और वैराग्य बूढ़े हो चुके हैं। उन्होंने धुन्धकारी की कथा का उदाहरण देकर कहा कि भगवान की कृपा से प्रेत को मुक्ति मिली। कथा व्यास ने कहा कि भागवत का हर प्रसंग हमको मानवता की शिक्षा देता है। हमारा जीवन किस मार्ग से चले कि उसे लक्ष्य की प्राप्ति हो। भागवत कथा मानव को मानवता, वैष्णवता व भगवत्ता की शिक्षा प्रदान कर भगवान की भक्ति का पात्र बनाती है। उन्होने कहा कि कथा श्रवण के बाद चिंतन परम आवश्यक है, चिंतन के बगैर कल्याण संभव नही है। कथा के दौरान कथा व्यास ने संगीतमय श्याम सलौनी सुन्दर सूरत, कटी जा रही है उमर धीरे-धीरे, छाई काली घटा तो क्या आदि भजन गाये जिसको सुनकर श्रोतागण झूमने नाचने लगे। मीडिया प्रभारी हर्ष कुमार अग्रवाल ने बताया कि यज्ञ रोजाना सुबह आठ बजे से दो बजे तक और कथा शाम के सत्र में रोजाना चार बजे से सात बजे तक आयोजित होगी। इस अवसर पर दीपेश अग्रवाल, नवीन अग्रवाल, विवेक मित्तल, श्याम बिहारी गोयल, निशांत अग्रवाल आदि मौजूद रहे।।
बरेली से कपिल यादव