बरेली। भ्रष्टाचार में दोषी सीओ डा. दीपशिखा अहिबरन सिंह की रिपोर्ट एसएसपी अनुराग आर्य ने शासन को सौंप दी। एसपी सिटी राहुल भाटी की विस्तृत रिपोर्ट के बाद एसएसपी ने यह कार्रवाई की है। जिसके बाद अब सीओ पर बड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है। मामले की जांच एसपी दक्षिणी मानुष पारीक ने की थी। उन्होंने जांच में सीओ को दाेषी पाया था। चार जुलाई को उन्होंने एसएसपी को रिपोर्ट सौंपी थी। उनकी रिपोर्ट पर एसएसपी ने तत्काल ही दीपशिखा से मीरगंज सर्किल का प्रभार छीनकर कार्यालय से संबद्ध कर दिया था। मीरगंज के तिलमास गांव निवासी गनी ब्रिक इंडस्ट्रीज के मालिक रिफाकत अली ने 13 जून को तत्कालीन एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान से सीओ डा. दीपशिखा की शिकायत की थी। आरोप था कि 12 जून की सुबह 11 बजे सीओ भट्ठे पर पहुंची और मजदूरों को धमकाने लगीं। मजदूरों ने जानकारी दी, तब आनन-फानन मे पहुंचा। सीओ को सभी कागजात दिखाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। कहने लगीं कि थाने आओ। तुम्हारी मशीन व ट्रैक्टर ट्राली थाने लेकर जा रहे हैं। सीओ से बराबर रायल्टी व जीएसटी देने की बात कही। बावजूद वह नही मानी। आरोप है कि दो लाख रुपये रिश्वत मांगी गई। रुपये न देने पर उनकी जेसीबी व ट्रैक्टर ट्राली को खनन करता दिखाकर सीज कर दिया था। कहा कि अब चार लाख रुपये अदालत में देते फिरोगो, तब समझ आएगा। सीओ जैसे राजपत्रित अफसर के इस कृत्य पर एसएसपी ने तत्काल ही एसपी दक्षिणी मानुष पारीक को जांच सौंप दी। जिस पर भट्ठा मालिक पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जाने लगा। वह डिगे नहीं, सीओ के विरुद्ध डटकर बयान व साक्ष्य दिये। खनन अधिकारी की जांच रिपोर्ट में भी सीओ की कार्रवाई गलत पाई गई। साक्ष्यों के आधार पर एसपी दक्षिणी ने सीओ को मामले में दोषी पाया। रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से सीओ की लापरवाही, स्वेच्छाचारिता व शासनादेश की अवहेलना की बात लिखी।।
बरेली से कपिल यादव