डिजिटल हाजिरी के खिलाफ गरजे बेसिक शिक्षक, प्रदर्शन कर शासनादेश को बताया काला कानून

बरेली। सोमवार को डिजिटल उपस्थिति के खिलाफ बेसिक शिक्षकों ने जोरदार प्रदर्शन किया। पूर्ण बहिष्कार का ऐलान करते हुए विभिन्न शैक्षिक संगठनों ने संयुक्त रूप से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा। शिक्षकों ने शासन के आदेश को काला कानून बताया। साथ ही कहा कि शिक्षक इसका विरोध लगातार जारी रखेंगे। शिक्षकों ने साफ कह दिया कि जब तक हमारी मांगों को पूरा नही किया जाएगा। तब तक ऑनलाइन उपस्थिति का विरोध जारी रहेगा। सोमवार से स्कूलों मे डिजिटल उपस्थिति अनिवार्य की थी। इसके विरोध में सभी शिक्षक खड़े हो गए है। स्कूल मे शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। तीन बजे से शिक्षक राम मनोहर लोहिया पार्क में एकत्र होना शुरू हो गए। पार्क में हुई सभा में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की जिलाध्यक्ष प्रियंका शुक्ला ने कहा कि 14 मार्च को भी डिजिटलाइजेशन के विरोध मे महानिदेशक के कार्यालय पर धरना किया गया था। उस समय डिजिटाइजेशन से जुड़ी मौलिक समस्याओं के निस्तारण के बाद ही इस व्यवस्था को लागू करने का आश्वासन दिया गया था। मगर फिर 15 जुलाई की जगह 8 जुलाई को आनन-फानन मे दमनकारी तरीके से ऑनलाइन उपस्थिति का आदेश लागू कर दिया गया। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नरेश गंगवार, मंडल मंत्री केसी पटेल आदि ने कहा कि डिजिटल उपस्थिति की व्यवस्था भेदभावपूर्ण और शोषणकारी है। महामंत्री विनोद कुमार, संगठन मंत्री जितेंद्र गंगवार ने कहा कि बेसिक का शिक्षक रोज 80-90 किमी का सफर तय करता है। ऐसे मे थोड़ा बहुत विलंबहो जाना आम बात है। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के मंडल अध्यक्ष डॉ.विनोद शर्मा, मानवेंद्र यादव, तेजपाल मौर्य आदि ने कहा कि इससे शिक्षा की सृजनात्मक क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यूटा से हरीश बाबू, हेमंत कुमार, सत्येंद्र पाल सिंह, राखी गंगवार ने कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नही होंगी, तब तक हम लोग डिजिटल उपस्थिति को स्वीकार नही करेंगे। टीएससीटी से अनुजवीर गंगवार, लखमी चंद्र अहेरिया, टेट मोर्चा से अरविंद चौहान, आशीष शर्मा, महिला संघ से राजेश कुमारी यादव, शिखा अग्रवाल, अटेवा से रूप किशोर, भारत वीर गंगवार, शिक्षामित्र संघ से कुमुद केशव पांडेय, गौरव पाठक, मनोज गंगवार आदि मौजूद रहे। पार्क मे सभा होने के बाद शिक्षक पैदल मार्च निकालते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। इस दौरान डिजिटल उपस्थिति के विरोध में जबरदस्त नारेबाजी की गई। कलक्ट्रेट का गेट बंद होने के चलते शिक्षक लगभग 10 मिनट तक इंतजार करते रहे। हालांकि बाद में उन्हें अंदर प्रवेश करने का मौका मिला। जिला संरक्षक राजेश मिश्रा, सुनील शर्मा, केपी सिंह आदि शिक्षकों ने सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिया।।

बरेली से कपिल यादव

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