बुद्ध पूर्णिमा पर बरसेगी भगवान विष्णु की कृपा, मुहूर्त, पूजाविधि, मंत्र, उपाय

बरेली। धार्मिक दृष्टि से बुद्ध पूर्णिमा महत्वपूर्ण मानी जाती है। वैशाख मास मे पड़ने वाली पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाएगा। जो मां लक्ष्मी को समर्पित है। इस दिन विष्णु भगवान, माँ लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा करने का विधान है। हर महीने में एक बार पूर्णिमा की तिथि पड़ती है। वैशाख मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इसी दिन भगवान विष्णु का बुद्धावतार और कूर्मावतार हुआ था। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस बार पूर्णिमा तिथि 22 मई को शाम 06:47 बजे से शुरू होगी जो 23 मई को शाम 7:22 बजे तक व्याप्त रहेगी। उदयातिथि के अनुसार वैशाख पूर्णिमा 23 मई को मनाई जाएगी। इस बार पूर्णिमा पर शिव योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन विशाखा नक्षत्र रहेगा और वृषभ राशि में सूर्य, बृहस्पति और शुक्र त्रिग्रही योग का निर्माण करेंगे। यह सभी मंगलकारी संयोग बेहद शुभ माने जाते हैं। इस दिन किए गए दान-पुण्य का कई गुना फल प्राप्त होगा। आर्थिक तंगी दूर होगी। पितृ दोष से भी मुक्ति मिलेगी।इस दिन सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर किसी ऐसे मंदिर जाएं, जहां पीपल हो। पीपल की जड़ में जल, गाय का दूध चढ़ाएं। कुमकुम, चंदन अबीर, गुलाल, फूल आदि पूजन सामग्री चढ़ाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। पूजा के बाद पीपल की परिक्रमा करें। भगवान विष्णु की पूजा करें। जरूरतमंद लोगों को धन, अनाज आदि का दान करें। गाय को घास खिलाएं।

पूजा का शुभ मुहूर्त- 09:15 एएम से 12:46 पीएम
चन्द्रोदय- 07:12 पी एम, 23 मई

बुद्ध पूर्णिमा पूजा-विधि

मंत्र- ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः

गंगा स्नान का महत्व
बुद्ध पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान स्नान और दान करने का खास महत्व है। मान्यता है कि इस अवसर पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं। इसी कारण बुद्ध पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही बुद्ध पूर्णिमा के दिन चंद्र देव और धन की देवी मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा और व्रत करने का विधान है। इसलिए बुद्ध पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान किया जाता है।

उपाय- लक्ष्मी माता को खुश करने के लिए बुद्ध पूर्णिमा के दिन श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। वैवाहिक दिक्कतें दूर करने के लिए लक्ष्मी नारायण की जोड़े में पूजा करें और माता को शृंगार का समान भी चढ़ाएं।

बरेली से कपिल यादव

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