लखीमपुर खीरी-जहां एक तरफ देश में योगी और मोदी सरकार अपना कड़ा रूख अपनाते हुए जगह जगह लोगों द्वारा की गई अवैध कब्जे की जमीनों को कब्जेदारो से मुक्त कराने के लिये एक मुहिम चला रही है कि जैसे भी हो अवैध तरीके से लोगों द्वारा की गई जमीनों को छुड़वाकर उसका उचित इस्तेमाल किया जा सके। इस बात को सर्वोपरि मानते हुए हर जिले के प्रशासन ने कई अवैध कब्जेदारों पर शासन द्वारा गाज गिराई जा चुकी है।लेकिन लखीमपुर खीरी जनपद के निघासन क्षेत्र में एक आश्चर्य जनक मामला सामने आया है।जहां क्षेत्र के अंतर्गत ढखैरवा तहसील के ग्राम गौरिया में एक विद्यालय की जमीन पर अवैध कब्जे की सूचना मिलने पर तहसीलदार ने खुद जाकर उस जमीन को अवैध कब्जेदारों से खाली करने को कहा। लेकिन तहसीलदार के आदेश को भी लोगो ने उपहास बना डाला। एक तरह से देखा जाए तो जैसे कब्जेदारो को किसी रसूखदारों का सानिध्य प्राप्त होते दिखाई दे रहा है। जिसके चलते तहसीलदार भी कोई कर्यवाही न कर चुप चाप बैठते नजर आ रहे हैं।बता दें कि मामला निघासन क्षेत्र के ढखैरवा तहसील क्षेत्र के गौरिया गांव का है। जहां प्राथमिक विद्यालय की खाली पड़ी जमीन पर अवैध कब्जेदारों ने अपना कब्जा जमाया हुआ है। देखा जायें वो किसी तरह के आपराधिक मामले में संलिप्त तो नहीं दिखाई दे रहें हैं। लेकिन कहा जा रहा है कि उनको कहीं न कहीं से जमीन को न छोड़ने का ऊपरी साहस जरूर प्राप्त हो रहा है। फिलहाल इस विद्यालय की जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत विद्यालय के अध्यापको द्वारा की गई थी। उनकी शिकायत पर पर निघासन तहसील के तहसीलदार ने मौके की जांच कर एक सप्ताह के अंदर प्राथमिक विद्यालय की जमीन से कब्जा हटाए जाने की चेतावनी कब्जेदारों को दी थी। लेकिन इसके बावजूद भी कब्जेदारो ने तहसीलदार के आदेश की पूरी तरह से अवहेलना कर गौरिया प्राथमिक विद्यालय की जमीन पर आज भी अपना कब्जा जमाए हुए हैं।बताया जा रहा है कि निघासन तहसील क्षेत्र के गौरिया स्थित प्राथमिक विद्यालय की जमीन पर कब्जेदारों ने करीब एक वर्ष से कब्जा कर रखा है। बताते चलें कि प्राथमिक विद्यालय की जमीन को स्कूल प्रशासन ने कब्जा से मुक्त कराये जाने के लिए तहसील प्रशासन को कई बार लिखित शिकायत भी की गई। इसके बाद सरकार की भुमाफिया टीम के द्वारा निघासन तहसील के तहसीलदार पुरण सिंह राणा ने गौरिया प्राथमिक विद्यालय जाकर स्कूल की भूमि को कब्जेदारों से मुक्त कराने के लिए अभियान चलाया। जिसके चलते कब्जेदारो ने विद्यालय की भूमि को खाली करने के लिए स्वयं ही एक सप्ताह का समय मांगकर कब्जा हटाने के लिए कहा था। लेकिन आज तक भी कब्जेदारो ने प्राथमिक विद्यालय की जमीन पर छप्पर डाल कर कब्जा जमा रखा हैं।अब सवाल यह उठता है कि एक अधिकारी के आदेश की अवहेलना आम नागरिक तो करने की हिम्मत कर नही सकता है। इससे एक बात तो साफ नजर आ रही है कि उन कब्जेदारों को किसी खद्दरधारियों का सानिध्य प्राप्त होता दिखाई दे रहा है। जिसके कारण तहसीलदार भी चुप्पी साधे हुए हैं।।
लखीमपुर खीरी से अनुराग पटेल की रिपोर्ट…