बरेली। सेंट्रल जेल की हाई-सिक्योरिटी बैरक से फोटो प्रसारित करने वाले गैंगस्टर समीर खान उर्फ राका के खिलाफ सोमवार को थाना इज्जतनगर मे मुकदमा दर्ज कराया गया है। जेलर नीरज कुमार की ओर से यह कार्रवाई कराई गई है। डीजी जेल एसएन साबत के आदेश पर डीआइजी जेल कुंतल किशोर ने मामले मे जांच शुरू कर दी है। एक्स पर की पोस्ट के में शिकायत की थी कि जेल के अंदर अपराधियों को मोबाइल जैसी सुविधा दी जा रही है। इस पर खलबली मची और जांच शुरू हुई। जेल अफसरों ने बताया कि गैंगस्टर 11 मार्च को जमानत पर रिहा हुआ। 13 मार्च को फोटो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित की गई। फोटो हाई-सिक्योरिटी बैरक के ही होने की पुष्टि की। मामला अखबारों में सुर्खियों का विषय बना। इसके बाद सोमवार को सेंट्रल जेल के जेलर नीरज कुमार की ओर से मामले में इज्जतनगर थाने में शिकायती पत्र दिया गया। उन्होंने बताया कि आरोपित समीर खान उर्फ राका के साथ खुद का नाम सलीम शेख भी लिखता है। गोंडा जनपद के कटरा थाना स्थित खेंदुरी गांव का वह निवासी है। हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती समेत गंभीर अपराधों में अयोध्या, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर व लखनऊ मे 16 मुकदमा दर्ज है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आदेश पर 11 मार्च को दोपहर 12:50 पर उसे सेंट्रल जेल से मुचलके पर हाई-सिक्योरिटी बैरक से रिहा किया गया था। इसी के बाद उसने फोटो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित की। अब पुलिस की जांच से साफ होगा कि सेंट्रल जेल के मुख्य गेट से लेकर हाई-सिक्योरिटी बैरक तक कौन-कौन गैंगस्टर का मददगार बना था? घटनाक्रम के बाद सोमवार को इज्जतनगर इंस्पेक्टर जयशंकर सिंह भी जांच को सेंट्रल जेल पहुंचे। वरिष्ठ जेल अधीक्षक अविनाश गौतम से पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी की। जिस बैरक में गैंगस्टर बंद था। वहां का चप्पा-चप्पा देखा। बैरक भी खंगाली। प्रसारित फोटो व मौका मुआयना एक जैसा मिला। वही डीआइजी जेल कुंतल किशोर ने बताया कि मामले में जेलर नीरज कुमार की ओर से गैंगस्टर राका के विरुद्ध इज्जतनगर थाने मे मुकदमा पंजीकृत करा दिया गया है। हाई-सिक्योरिटी बैरक तक गैंगस्टर के पास मोबाइल कैसे पहुंचा, इस बिंदु पर जांच की जा रही है। शीघ्र ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।।
बरेली से कपिल यादव