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सरकार की अग्नि परीक्षा, नकल गिरोह माफियाओं के आगे झुकेगे या फिर होगी कड़ी सुरक्षा में परीक्षा

राजस्थान/बाड़मेर – आरएएस मुख्य परीक्षा 2023 की तारीख बढ़ने की संभावनाएं बहुत कम है, क्योंकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विधायकों के पत्रों का अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है, लेकिन एक सप्ताह का समय होने के बाद भी मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से परीक्षा की तारीख को लेकर कोई जवाब नहीं आया है,ऐसे में माना जा रहा है कि परीक्षा तय समय पर ही होगी। दूसरी तरफ जिस तरह अभ्यर्थी सरकार और आयोग पर मुख्य परीक्षा तारीख खिसकाने का दबाव बनाए हुए हैं, यदि दबाव कारगर रहा तो लगातार पांचवीं बार की तरह आरएएस भर्ती देरी से ही होगी।

जानकारों के अनुसार शुरुआती विवाद की जड़ राजधानी जयपुर में सैंकड़ों बेरोजगार अभ्यर्थियों ने बड़ी रैली निकालकर की और सबसे बड़ा कोचिंग हब बने गोपालपुरा बाईपास पर स्थित रिद्धि सिद्धि चौराहे से लेकर गुर्जर की थड़ी तक निकाली गई रैली में सैकड़ों की संख्या में बेरोजगार स्टुडेंट्स नेताओं के साथ ही कईं उतीर्ण अभ्यर्थी शामिल हुए। परीक्षा आगे खिसकाने को लेकर अभ्यर्थियों के तर्क में भी काफी दम है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री भजनलाल सरकार के कई विधायकों ने भी अभ्यर्थियों की मांग को जायज ठहराते हुए उनका समर्थन किया था। हालांकि आरपीएससी ने जनवरी के अंतिम सप्ताह में होने वाली मुख्य परीक्षा का शेड्यूल जारी कर दिया है लेकिन अब परीक्षा की तिथि में बदलाव को लेकर कोई भी फैसला कोचिंग सेंटरों को चलाने वाले सरकारी कर्मचारियों और नकल गिरोह माफियाओं के दबाव में ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के दखल के बाद ही हो सकेगा।

हालात ऐ हाजरा : बीते साल एक अक्टूबर को आरएएस प्रारंभिक परीक्षा-2023 का आयोजन हुआ था. इसमें राज्य सेवा के 491 और अधीनस्थ सेवा के 481 सहित कुल कुल 972 पद अधिसूचित हैं. प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम 20 अक्टूबर को जारी किया गया. जिसमें 19 हजार 348 अभ्यर्थियों को आरएएस मेंस परीक्षा के लिए पात्र घोषित किया गया. पेपर वर्णनात्मक और विश्लेषणात्मक होंगे. इसके तहत सामान्य अध्ययन प्रथम, सामान्य अध्ययन द्वितीय, सामान्य अध्ययन तृतीय और सामान्य हिंदी-अंग्रेजी का पेपर होगा. इसमें चार पेपर होंगे, हर पेपर 200 अंक और तीन घंटे का होगा।

इस सम्बन्ध में बेरोजगार स्टुडेंट्स ने बताया कि ज्यादातर परिक्षाओं में एक तिहाई या फिर आधे ही परिक्षार्थी परिक्षाएं देने आतें है जैसे पिछले दिनों की परिक्षाओं में हुआ था वैसे ही राजस्थान प्रशासनिक अधिकारीयों की 2023 परिक्षा में राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा 19348 विधार्थियो को मुख्य परिक्षाओं में बेठने की जगह पर सालों से मेहनत करने वाले लगभग पाच सात हजार विधार्थियो और उतना ही सरकारी नौकरी करने वाले शामिल होगें कुल मिलाकर बारह पन्द्रह हजार से ज्यादा उपस्थिति दर्ज नही होगी और अगर सरकार कोचिंग सेंटरों को चलाने वाले नकल गिरोह माफियाओं के दबाव में परिक्षा का समय बढाते है तो उनकी मेहनत और मनोबल दोनों ही टूट जाएगी और कोचिंग सेंटरों को चलाने के लिए एक और छ: महिने का पैकेज जरूर मिल जाएगा कारण लोकसभा चुनावों के दौरान कोई भी परिक्षाएं आयोजित नहीं होगी और 2024 की राजस्थान प्रशासनिक अधिकारियों की आने वाली भर्ती बड़ी मुश्किल से होगी।

आजकल नकल गिरोह माफियाओं से परेशान आभिभावक कहते हुए नज़र आ रहें हैं कि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए वादे बहुत सालों के इंतजार करने के बाद सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली प्रतियोगिता परीक्षाओं में दिनों-दिन कोचिंग सेंटरों पर कार्यरत सरकारी- निजी विद्यालयों के अध्यापकों और राज्य में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा शायद नक़ल गिरोह माफियाओं से साठ-गांठ करके मौजूदा सरकारी तंत्र की साख दांव पर लगा रहे हैं। नकल गिरोहों से सम्बन्धित जाचं पडताल करने वाले अधिकारियों ने अपनी साख दांव पर लगा दी है इनकी भी अवैध सम्पतियों को निलाम करने के साथ ही रासुका लगाना चाहिए ताकि नकल माफियाओं की पुनरावृत्ति न हो l

बेरोज़गारी से त्रस्त युवाओं ने बताया कि आजकल परिक्षाओं की गारंटी है लेकिन नक़ल गिरोह नक़ल जरूर करवाएंगे यह बात राजस्थान की नीयति बन गई है । सही मायने में राजस्थान नकल करने का हब बन गया है । कोई ऐसी परीक्षा नही होगी, जिसमे नकल नही होती हो । पिछले साल की परीक्षाओं में बड़े स्तर पर नकल हुई और पहले से ही सरकारी तिजोरियों में बन्द पेपर आउट हो गया । ऐसे में परीक्षा कराने का कोई औचित्य नहीं है । नकलची धड़ल्ले से बड़ी सख्या में उतीर्ण हो जाते है और दिन-रात किताबी कीड़ा बनकर मेहनत करने वाले प्रतिभाशाली लोगों को हाथ लगती है सिर्फ और सिर्फ विफलताएं ।

दरअसल पिछले साल भी पहले ही पुलिस प्रशासन और जिलों में तैनात प्रशासनिक अधिकारियों को पेपर लीक होने का डर था। यही कारण है कि पेपर सिस्टम के बारे में चुनिंदा अफसरों को ही फिलहाल जानकारी थी। परीक्षा से एक घंटे पहले ही सेंटर्स पर पेपर पहुंचाएं जाएंगे आवश्यक दिशा निर्देशों के साथ। उधर पुलिस को इसलिए भी बड़ा डर सता रहा है की पिछले साल एक ही सप्ताह में चार बार नकल गिरोह माफियाओं द्वारा परीक्षाओं में सेंध लगा चुका था। इन परीक्षाओं में नीट, एसआई भर्ती, कृषि पर्यवेक्षक और डाक सेवा की भर्ती शामिल थी। इन चारों परीक्षाओं में सेंध लगाने की कोशिश करने वाले लगभग एक सौ बीस नकलचियों ओर गिरोह के लोगों को सप्ताह भर के दौरान पकडा जा चुका था।

इतना सख्त बंदोबस्त आज तक नहीं हुआ था राज्य में, सात सुरक्षा एजेंसियां जुटीं है नकलचियों की सुरागरसी में ओर जिला कलक्टर पर नेट बंदी पर फैसला सुरक्षा और नेट बंदी को लेकर दो पुलिस तंत्र और जिला प्रशासन की टीमें काम कर रही थी। राज्य सरकार द्वारा पुलिस बेडे में लगभग आईपीएस 185 ,एडिशनल एसपी 250,डीवाईएसपी 500,इंस्पेक्टर 1270, सब इंस्पेक्टर 4290,एएसआई 6110, हैड कास्टेबल 18000, कांस्टेबल 71000 से ज्यादा लगाये गये थे ।

हर जिले में थानों और पुलिस लाइनों के कुल जाब्ते में से करीब अस्सी फीसदी जाब्ते को परीक्षा सेंटर्स, बस स्टैंड, रेल्वे स्टेशनों और अन्य जगहों पर तैनात किया गया था । हर सेंटर पर आठ दस से बारह पन्द्रह तक पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। परिक्षाओं के दौरान कोविड गाइड लाइन का पालन भी सख्ती से कराने के निर्देश दिए गए थे। इस बीच थानों की पुलिस के अलावा एसओजी, एटीएस, एसीबी, आईबी, डीएसटी, पुलिस अधीक्षकों की स्पेशल टीमें भी अपने अपने स्तर पर परीक्षा में सेंध लगाने वालों के खिलाफ जांच पडताल कर रही थी। यह पहली बार है कि किसी परीक्षा में पुलिस तंत्र की पूरी ताकत झोंक दी थी लेकिन परिणाम आपके सामने आ रहा है।

– राजस्थान से राजूचारण

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