राजस्थान/बाड़मेर – चौपाई राम काज करिबे को आतुर… में कहा गया है कि राम भक्त हनुमान हमेशा प्रभु राम के कार्य को करने के लिए आतुर रहते हैं। प्रभु राम की सेवा करना उनका परम धर्म है। ऐसा ही भाव इस समय देश के हर राम भक्त के मन में है। वे प्रभु रामलला के दर्शन करने को इतने आतुर है कि किसी न किसी माध्यम से 22 जनवरी को प्रभु श्री राम के मंदिर में विराजमान होने के साक्षी बनना चाहते हैं।
इस सम्बन्ध में ज्यादा जानकारी देते हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस के साक्षी वरिष्ठ अधिवक्ता ओर कारसेवकों के साथ अयोध्या दर्शन लाभार्थी अम्बा लाल जोशी ने बताया कि बाड़मेर और बालोतरा के सैकड़ों रामभक्तों के साथ साथ वरिष्ठ कारसेवकों द्वारा घर घर पीले चावल देकर ज्यादा से ज्यादा भक्तों को अयोध्या नगरी में चलने का आव्हान किया जा रहा है। बाइस जनवरी से शुरू होने वाले कार्यक्रम में पहले जत्थे में बाड़मेर और बालोतरा से सौ सौ कारसेवकों सहित राज्य के चार पाच हज़ार से ज्यादा कारसेवकों को निमन्त्रण पत्रिकाएँ और पीले चावलों से न्योता दिया गया है और उसके बाद अन्य राज्यों के कारसेवकों का नम्बर आएगा। बाईस जनवरी को अपने घर में विशेषरूप से दीपदान करते हुए दीपावली की तरह पावन पर्व मनाया जाना चाहिए और समयानुसार अयोध्या नगरी में रामजी के दर्शन लाभ उठावे। राममंदिर ट्रस्ट के निर्देशानुसार सभी रामभक्तों की भारी संख्या में पहुचने के कारण व्यवस्थाओं में कोई व्यवधान न हो इसलिए सभी देशवासियों को अलग अलग दिवस पर अयोध्या नगरी आकर दर्शनलाभ लेना चाहिए।
राम भक्त और रेलगाड़ी सघर्ष समीक्षाओं और नियमित
रेलयात्री बी एल शर्मा ने बताया कि बाड़मेर, बालोतरा और
पाली से अयोध्या के लिए तो कोई सीधी ट्रेन नहीं है, लेकिन जोधपुर व अजमेर से एक-एक रेलगाड़ी जरूर जाती है। उन ट्रेनों में 22 जनवरी तक किसी भी श्रेणी के डिब्बों में जगह नहीं है। इसके बावजूद राम भक्त टिकटों की बुकिंग करवा रहे है। राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टियों के साथ स्वयं प्रधानमंत्री यह अपील कर चुके है कि प्रतिष्ठा के दिन अधिक लोग वहां पहुंचेंगे। ऐसे में प्रभु दर्शन के लिए प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या आए, लेकिन प्रभु भक्त तो रामलला के दर्शन कर स्वयं को धन्य करना चाहते हैं और अयोध्या की तरफ बढ़ना चाहते हैं। जोधपुर से अयोध्या नगरी जाने वाले रेलगाड़ी में 8, 11, 13, 15, 18, 20 व 22 जनवरी को प्रतिष्ठा महोत्सव तक शयनयान, थ्री टायर एसी, टू टायर एसी किसी में भी जगह नहीं है। ऐसा ही हाल अजमेर से चलने वाली रेलगाड़ी का भी है।
– राजस्थान से राजूचारण