हमीरपुर। एक विधवा पति के रिटायर्ड होने के एक वर्ष बाद से पेंशन में नाम सही कराने की सभी औपचारिकताएं पूर्ण कराने के उपरांत कोषाधिकारी कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर है। लेकिन पुलिस मुख्यालय से भेजा गया पत्र एक वर्ष गुजर जाने के बाद भी पेंशन फार्म में शामिल नहीं हो सका है। इससे उसे पति की मौत के बाद पेंशन भी नहीं मिल पा रही है। पीड़िता ने नवागंतुक जिलाधिकारी को शिकायती पत्र सौंपकर न्याय की गुहार लगाई है।
सुमेरपुर कस्बे के चांद थोक निवासी कैलाशवती ने जिलाधिकारी को बुधवार को सौंपे गए शिकायती पत्र में अवगत कराया है कि उसके पति विश्राम सिंह यादव उत्तर प्रदेश पुलिस में कार्यरत थे। पुलिस अधीक्षक ललितपुर की संस्तुति पर पति के आवेदन में कैलाशा की जगह कैलाशवती नाम दर्ज करने का आदेश पुलिस मुख्यालय लखनऊ से 16 अगस्त 2022 को किया गया था और आदेश रजिस्टर्ड डाक से 22 अगस्त 2022 को वरिष्ठ कोषाधिकारी को भेजा गया था। आदेश की एक-एक प्रति पुलिस अधीक्षक ललितपुर के साथ उसके पति को भेजी गई थी। सभी को पत्र प्राप्त भी हो गए। लेकिन वरिष्ठ कोषाधिकारी हमीरपुर को पत्र नहीं प्राप्त हुआ। पीड़िता ने अवगत कराया है कि उसके पति की गत 17 अगस्त को बीमार होने के कारण मौत हो चुकी है। उनकी मौत के बाद उसे पेंशन नहीं मिल पा रही है। पीडिता ने जिलाधिकारी से जांच कराकर न्याय दिलाने की मांग की है। वरिष्ठ कोषाधिकारी दिनेश कुमार सचान ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। अगर उनके कार्यालय में किसी तरह की लापरवाही हुई है तो जांच कराकर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। अगर पीड़िता का पत्र नहीं आया तो वह पुलिस मुख्यालय को पत्र भेजकर दोबारा डिस्पैच करने के लिए पत्राचार करेंगे।