हिम्मत चारण बना बाल रूप कान्हा

बाड़मेर/राजस्थान- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी हर साल भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि को मनाई जाती है और मान्यतानुसार, इस दिन भक्त श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं और उनके बाल रूप की पूजा करते हैं, इस दिन श्रीकृष्ण के लिए भक्त व्रत भी रखते हैं।

देशभर में यह त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। बाड़मेर शहर में इस दिन मंदिरों और घरों में सजावट की जाती है और श्रीकृष्ण के जीवन की झाकियां लगाई जाती हैं‌। ऐसी मान्यता है कि जन्माष्टमी पर विधि पूर्वक पूजन करने से घर में सुख-शांति आती है और सफलता भी मिलती है। धार्मिक मान्यता है कि कृष्ण जी के बाल रूप का पूजन रात्रि में उनके जन्म के समय ही करना शुभ होता है। इस साल जन्माष्टमी का त्योहार कुछ लोग ने आज और कुछ लोग कल से सात सितंबर को मना रहे हैं। आज हिम्मत चारण को महिलाओं ने बाल रूप में कान्हा जी बनाकर झूला झुलाया और मगल कामनाएं करते हुए कृष्ण भक्ति के भजन कीर्तन गाएं।

ज्योतिष के जानकर बी एल शर्मा ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था,इस दिन पूरी दुनिया में उनका जन्मदिन मनाया जाता है। भगवान कृष्ण का प्राकट्य रोहिणी नक्षत्र में हुआ था,इसलिए जन्माष्टमी के निर्धारण में रोहिणी नक्षत्र का भी विशेष रूप से ध्यान रखते हैं।

– राजस्थान से राजूचारण

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