राज्य में राजस्व गिरदावरी एप्प हुआ ठप्प, रेवन्यू महकमा अपनी मागों के लिए बैठा है हड़ताल पर

बाड़मेर/राजस्थान- प्रदेश में भू-प्रबंध विभाग की ओर से लागू किया गया राजस्व गिरदावरी एप पिछले काफी समय से कार्य नहीं कर रहा है, जिसके अभाव में काश्तकार न तो गिरदावरी नकल प्राप्त कर पा रहे हैं और न ही पटवारी एप के माध्यम से नकल जनरेट कर दे पा रहे हैं।

गिरदावरी एप के साथ धरा एप और खसरा डॉट आरबीएएएस डॉट इन व जन सूचना पोर्टल या ई-मित्र के माध्यम से भी पिछले 4-5 वर्षों से ऑनलाइन की गई गिरदावरी नकलें काश्तकारों को प्राप्त नहीं हो रही है।

विचारणीय बिन्दु यह है कि इस समस्या को लेकर सभी जिला कलक्टर, भू-प्रबंध विभाग के भू-प्रबंध आयुक्त एवं डीआईएलआरएमपी के नोडल अधिकारी को अब तक एक दर्जन से ज्यादा बार पत्र लिख चुके हैं।

राजस्व महकमा सम्भालने वाले अधिकारियों ने बताया कि खरीफ फसल की गिरदावरी में आ रही समस्या से अवगत कराते हुए राजस्व अधिकारी एप एवं किसान गिरदावरी एप के अपडेटेड वर्जन अविलम्ब उपलब्ध कराने का आग्रह किया है।

  • पिछले काफी समय से राजस्व अधिकारी एप नहीं चलने के कारण आदान-अनुदान सूचियां बनाने में अनावश्यक विलंब हो रहा है, क्योंकि सूचियां बनाने में किसानों का बोया गया रकबा एवं खराबा रकबा का अंकन करना होता है, ऐसे में बिना गिरदावरी एप चले आंकड़ा दर्ज करना संभव नहीं हो पा रहा है।
  • राजस्व अधिकारी एप नहीं चलने के कारण किसानों को ऋण लेने तथा अन्य कार्य के लिए ऑनलाइन गिरदावरी की आवश्यकता रहती है, जो ऑनलाइन प्राप्त नहीं हो रही है तथा किसान पटवारी को हाथ से गिरदावरी बनाने के लिए बार-बार कहते हैं, जोकि डाटा ऑफलाइन उपलब्ध नहीं होने के कारण संभव नहीं है।
  • पिछले काफी समय से ई-धरती तथा भू-नक्शा की साइट सही से नहीं चल रही है, जिससे नामांतकरण दर्ज करने में तथा दर्ज किए हुए नामांतकरण को लॉक करने में अनावश्यक समय लग रहा है।

राज्य सरकार एक ओर जहां राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन करने का ढिंढ़ोरा पीट रही है, वहीं पिछले चार साल में ऑनलाइन किया गया रिकॉर्ड न तो किसानों को मिल रहा है और न ही राजस्व विभाग के कर्मचारियों को। काश्तकार के साथ-साथ राजस्व कार्मिकों के पास भी गिरदावरी रिकार्ड उपलब्ध रहना आवश्यक है, लेकिन ऑनलाइन होने के बावजूद भी ऑफलाइन गिरदावरी रिकॉर्ड उनके पास है नहीं एवं ऑनालइन गिरदावरी कार्य किया, उसकी नकल जनरेट हो नहीं रही है। ऐसा नहीं है कि यह समस्या केवल बाड़मेर जिले की नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश के काश्तकारों एवं पटवारी इस समस्या से लम्बे समय से जूझ रहे हैं, जिसकी जानकारी बार-बार जयपुर में बैठे उच्च अधिकारियों को देने के बावजूद कोई सुधार नहीं हो रहा है। पूर्व गिरदावारी के अन्तर्गत फसल खराबा हुआ, वर्तमान में उनके डीएमएस पोर्टल पर डेटा अपालोड करने का कार्य चल रहा है, लेकिन गिरदावरी नकल प्राप्त नहीं होने से यह कार्य भी प्रभावित हो रहा है।

गौरतलब है कि राजस्व अधिकारी गिरदावरी एप के स्थान पर हाल ही में नया किसान गिरदावरी मोबाइल एप चालू किया जा रहा है, इस एप में वर्तमान गिरदवारी करने का प्रावधान के साथ-साथ राजस्व अधिकारी गिरदावरी एप पर आदिनांक की गई गिरदवारी नकलें भी प्राप्त की जा सके, इसका प्रावधान करने की मांग भी कलक्टरो ने पत्र के माध्यम से की है। ताकि काश्तकार वर्तमान गिरदवारी के साथ-साथ आदिनांक की गई ऑनलाइन गिरदावरी नकल भी प्राप्त कर सकें।

तहसीलदार कार्यालय बाड़मेर के आगे धरने पर बेठे रेवन्यू महकमा के अधिकारियों और पटवारियों ने बताया कि राजस्व गिरदावरी एप नहीं चलने से दिसम्बर 2022 से किसानों को गिरदावरी व नकल प्राप्त नहीं हो रही हैं। पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन होने से पटवारियों के पास भी ऑफलाइन रिकॉर्ड नहीं है। किसान गिरदावरी एप सहित अन्य एप नहीं चल रहे हैं, जिससे पिछले 4-5 वर्षों में की गई ऑनलाइन गिरदावरी नकल भी नहीं मिल रही है। हमने इस समस्या को लेकर जिला कलक्टर को अवगत करवाया है।

क्या कहते हैं साहब‌ …..

किसान गिरदावरी एप में आ रही दिक्कत व पटवारियों की हड़ताल को देखते हुए हम यह भी प्रयास कर रहे हैं कि मौजूदा गिरदावरी कृषि पर्यवेक्षकों से करवाएं व जब तक एप सुचारू रूप से काम नहीं करता है, तब तक ऑफलाइन गिरदावरी कराने का विचार भी कर रहे हैं, ताकि फसल कटने से पहले ही राजस्व विभाग द्वारा गिरदावरी हो जाए।

– राजस्थान से राजूचारण

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