पन्द्रह सांसदों को पकड़ाया था लॉलीपॉप, फिर शुरू हुई थीं हमारी हावड़ा ब्रिज से बाड़मेर रेलगाड़ी

बाड़मेर/राजस्थान- बाड़मेर जिले में लम्बी दूरी की रेलगाड़ियों की सेवाओं को शुरू करने के लिए, बेहतर बनाने के लिए आज-कल जिम्मेदार राजनीतिक धुरंधरों ने भी आखिरकार जनता को ठेंगा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। आज़ रेल्वे स्टेशन पर आजादी से पहले के बाड़मेर रेल्वे स्टेशन को तोड़ कर नया आधुनिक रेल्वे स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है लेकिन रेल्वे स्टेशन के बाहर मिलने वालें यात्रियों के दिल में एक टीस उभर कर बाहर आई, भाई साहब रेलगाड़ियों की डिमांड आजकल ठण्डा कैसे पड़ रही है शायद चुनाव में नेता अपने स्वार्थ के लिए रेलगाड़ियों को शुरू जरूर करेंगे या फिर पिछले कार्यकाल की तरह सूना सूना सा रहेगा बाड़मेर रेल्वे स्टेशन, ज्यादा कुरेदना हमारे मन में भी हमारे देश की सरहदों पर सुरक्षा व्यवस्थाओं में तैनात भारतीय सेना के जवानों और प्रवासी मारवाड़ियो के लिए लम्बी दूरी की रेल सेवाओं को शुरू करने के लिए हमारे द्वारा मौका स्थल पर पहुंच कर ग्राउंड रिपोर्ट में रात-दिन का अंतर महसूस किया गया।

आज-कल हाईटेक प्रणाली के साधनों से लैस रेल मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा रेल सेवाओं के जयपुर महाप्रबंधक ओर जोधपुर मंडल प्रभारी का बाड़मेर रेल्वे स्टेशन की मूलभूत समस्यायों का समाधान करने के लिए हमेशा की तरह आनलाइन और कभी कभार आकस्मिक रेलगाड़ी द्वारा अवलोकन करते हैं लेकिन मुनाबाओ से जेठंतरी तक दो चार रेल्वे स्टेशनों को छोड़कर बाकी रेल्वे स्टेशनों पर भौतिक सुविधाओं का भारी अभाव है, जानकारी में आ रहा है की बाड़मेर खंड पर भारत पाकिस्तानी बोर्डर पर आखिरी स्टेशन मुनाबाव रेल्वे स्टेशन तक के लगभग तीस से पचास प्रतिशत स्टाफ को अन्यत्र लगा दिया है।

महात्मा गॉंधी चौराहे पर मिले यात्रियों ने जोरदार शब्दों में विरोध करते हुए कहा कि राज्य की जनता जब भी दिल्ली अपने सांसदों से समस्याओं के समाधान करने के लिए पहुंचती है तो सांसद महोदयजी जल्दी ही रेलमंत्रालय ओर रेलमंत्री के साथ में जनता को मिलवाकर फोटो खींचकर हमारी-आपकी बाड़मेर जिले के अखबारों में पब्लिक की नजर में जरूर वाहवाही लूटते हैं, लेकिन आपको मालूम नहीं होगा की वह पत्र भौलाराम का जीव बनकर फाइलों में ही भटक जाता है और सही मायने में अगर सांसद चाहें तो एक सप्ताह में ही जोधपुर से लगभग आधा दर्जन रेलगाड़ियों को जैसे मंडोर एक्सप्रेस, पूरी गगा सागर,मन्नारगुडी, हावड़ा ब्रिज और आगरा फोर्ट से अजमेर एक्सप्रेस को बाड़मेर तक विस्तार ओर अन्य लम्बी दूरी की रेल सेवाओं को शुरू करने के लिए रेलमंत्री से फाइल पर हस्ताक्षर कर शुरू करवा सकते हैं लेकिन फिर सांसद महोदय को अपने एरिया में रेलगाड़ियों और हवाई सेवा शुरू करने के लिए पूछेंगे कौन…. हमारे बडे़ बडे़ भाजपाई राजनेताओं को फुर्सत भी नहीं है कि बाड़मेर जिला मुख्यालय से देश के अन्य राज्यों तक लम्बी दूरी की रेल सेवाओं का संचालन शुरू हो, अन्यथा फिर नेताओं को चुनावों के दौरान वोट मागने पर इनको पूछेगा कौन।

बाड़मेर रेल्वे स्टेशन पर जानकारों ने बताया की रेल्वे स्टेशन पर केवल चार रेल पटरियों पर दो रेलगाड़ियों का हर समय पटरीयो पर खड़े रहना है, ओर एक पटरी आवागमन के लिए हमेशा ख़ाली रखना चाहिए इंजन शूटिंग के लिए, एक वाशिंग लाइन बन रहा है और एक की ओर आवश्यकता है रेल मंडल से स्वीकृति मिली तो जरूर बनेंगा ओर एक वाशिंग लाइन में रेलगाड़ियों का सारसंभाल बेहतर तरीके से, लाइटिंग सिस्टम और अन्य मेंटेनेंस के लिए, ओर फिर अन्य कोई रेल सेवाओं का बाड़मेर जिला मुख्यालय से रेल मंत्रालय द्वारा शुरू किया जाएगा तो बाड़मेर जिले से देश के अन्य राज्यों तक रेल सेवाओं से जुड़ जाएगा ।

बाड़मेर जिला मुख्यालय पर रेल्वे से सम्बन्धित जानकार इंजीनियर बी एल शर्मा ने बताया की बाड़मेर जिले से तीन लोकल जोधपुर,एक हरिद्वार – कालका एक्सप्रेस,यशवंतपुर एक्सप्रेस, गुवाहाटी एक्सप्रेस, दिल्ली के लिए एकमात्र जम्मू तवी, दूसरी दिल्ली से बाड़मेर और मथुरा वाया जयपुर एक्सप्रेस, बाड़मेर हावड़ा ब्रिज वाया आनन्द विहार सप्ताह में दो फैरे, बान्द्रा टर्मिनल से बाड़मेर शनिवार स्पेशल ओर सरहद पर तैनात जवानों के लिए मुनाबाऔ तक रेल सेवाओं का संचालन किया जाता है। रेल सेवाओं में सुधार करने की जरूरत है मुनाबाव रेल के दो फैरे किया जाता है तो मुनाबाव से जोधपुर तक सीधी रेल सेवाएं शुरू होगी, ओर जोधपुर रेल्वे स्टेशन पर ठहराव करने वाली लम्बी दूरी की रेल सेवाओं जैसे विधुतिकरण होने के बावजूद भी बाड़मेर तक विस्तार किया जा सकता है लेकिन नेताओं के अपने ही राजनीतिक कारणों से यह संभव नहीं होगा।

कलेक्ट्रेट में वकील कौशल कुमार जोशी ने बताया कि बाड़मेर रेल्वे स्टेशन के पास स्थित यार्ड ठोकर में भी खुला मैदान है वहीं पर रेल मंत्रालय द्वारा पांच सात रेल पटरियों को बिछाने पर बाड़मेर में लगभग चौबीस डिब्बा से लेकर चालीस डिब्बों तक की पांच छः रेलगाड़ियों को खड़ा करने की जगह मौजूद हैं , ओर रेल्वे स्टेशन पर ठहराव करने वाली पटरियां खाली मिलेगी, लेकिन आजकल रेल्वे मंत्रालय रेल्वे की ख़ाली जमीन को अन्य कार्यों में लगाते हैं,अगर रेल मंत्री रक्षा बजट से भी बाड़मेर रेल्वे स्टेशन पर ठहराव के लिए रेल पटरियों का निर्माण करवाया जाता है तो भविष्य में आपातकाल में भी रेल्वे को ही फायदा होगा ।

युवा उद्यमी जसपाल सिंह डाभी ने बताया कि देश में भरतीय रेल मंत्रालय के रेल मंत्री ,रक्षा मंत्रालय , देश के जवानों के लिए रक्षा मंत्रालय से सलाह मशविरा करने के बाद बाड़मेर ( रिफाइनरी हब ) जिले की रेल समस्याओं को लेकर हमेशा हमारे राजनेताओं को अवगत करवाया गया था कि जोधपुर मंडल के बाड़मेर रेल्वे स्टेशन से समदडी-जालोर- भीनमाल -भीलडी रेल मार्ग पर दस वर्ष बाद भी बाड़मेर से मुम्बई, अहमदाबाद प्रतिदिन लम्बी दुरी की एक भी यात्री ट्रेन नही चल रही हैं । जिससे यहां के हजारों गांवों की जनता को रेल आवागमन में परेशानी हो रही हैं और सरहदों पर तैनात जवानों की परेशानियों को दूर करने का प्रयास करेंगे।

कलेक्ट्रेट परिसर में वरिष्ठ अधिवक्ता कुमार कौशल अम्बालाल जोशी ने बताया कि समदडी -भीलडी रेल लाइन पर ब्रॉड गेज परिवर्तन हुए क़रीब दस बारह वर्ष से भी ज़्यादा समय हो चुका है । लेकिन जोधपुर सम्भाग के कई लोग अपने व्यापार के लिए दक्षिण भारत में बस रहे है । उनको अपने परदेश जाने के लिए कोई रेलगाड़ी नही है तथा दक्षिण भारत से मारवाड़ आने हेतु भी सीधी सुविधा उपलब्ध नहीं है । कन्याकुमारी से बाड़मेर वाया कोकेन रेल्वे, फलोदी, लालगढ़, भटिंडा,अमृतसर रेलमार्ग से जम्मू-कश्मीर, हावड़ा, चेन्नई, दिल्ली, मुम्बई, गांधीधाम,पुरी, हैदराबाद, कालीकट से बाडमेर वाया समदड़ी – भीलड़ी ट्रेन चलाने की मांग पिछले कई वर्षो से चल रही है,लेकिन अभी तक एक भी रेलगाङी बाड़मेर से नही होने के कारण जनता असंतोष महसूस कर रही है ।

वरिष्ठ रेलयात्री बाबूलाल शर्मा ने बताया कि दोपहर को जोधपुर से बाड़मेर जिला मुख्यालय पर रेल आने के बाद घंटों पड़ी रहने से अच्छा है की मुनाबाव जाकर एक फेरा लगवाया जाएं और शाम को छः आठ बजे तक बाड़मेर रेल्वे स्टेशन पर आसानी से आने से भारतीय सैनिकों, सरहदी क्षेत्रो के लोगों के लिए रात्रि में लम्बी दूरी की रेलगाड़ियों से आवागमन आसान हो जाएगा।

स्टेशन रोड़ पर शंकर सिंधी ने बताया की वर्तमान में लम्बी बड़ी दूरी के लिए बीकानेर से मुम्बई दादर तक सप्ताह में दो दिन, जोधपुर से गाँधीधाम तक सप्ताह में तीन दिन, जोधपुर से अहमदाबाद तक सप्ताह में एक दिन और बाड़मेर से बैंगलोर ए सी गाड़ी सप्ताह में एक दिन ही चल रही है को बाड़मेर रेल्वे स्टेशन से प्रतिदिन संचालित किया जा सकता है।

जबकि बाड़मेर से मुम्बई-अहमदाबाद वाया जालोर-भीनमाल- भीलडी रेल मार्ग पर प्रतिदिन एक भी नियमित ट्रेन नहीं है । जबकि दूरी के हिसाब से भी यह मार्ग काफ़ी छोटा है और यात्री भार भी पर्याप्त मात्रा मे मिल है । रेल सेवाओं की कमी के कारण बाड़मेर जैसलमेर से प्रतिदिन सैकड़ों बसों में हजारों यात्रियों को देश के अन्य हिस्सों में यात्रा करने के लिए मजबूर हो जाते हैं। जो कभी कभी तो जान जोखिम में डालकर जानलेवा साबित भी हुआ है,कई परिवारों के चिराग बुझा दिए गए हैं।

जीतू छंगाणी खैरथल रेलगाड़ियों के लिए कामरेड ने बताया कि वर्तमान में सप्ताह में दो बार चल रही बीकानेर- दादर एक्सप्रेस ट्रेन को प्रतिदिन नियमित करने और बाड़मेर के लिए भी बढ़ाकर बाड़मेर जिले के लोगों को सुविधा दी जा सकती है।दक्षिण भारत और उतर भारत के लिए लम्बी दूरी की कुछ ट्रेन का विस्तार करने के बाद अथवा मार्ग परिवर्तन कर बाड़मेर से वाया समदडी -भीलडी मार्ग से चलाया जाए,जिससे इस क्षैत्र की जनता को राहत मिले और इस पिछड़े जिलों जालोर, सिरोही, बाडमेर क्षैत्रो का विकास हो सके ।

– राजस्थान से राजूचारण

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