बाड़मेर/राजस्थान- राज्य के मुखिया अशोक गहलोत जनता के सेवक की छवि सुधारने की कोशिश लगातार करते रहते हैं लेकिन बाड़मेर जिला मुख्यालयों पर विराजमान अधिकारियों के रवैए से ऐसा नहीं लगता होगा, पिछले सालों में बाड़मेर जिला मुख्यालय पर पुलिस अधीक्षक हों या फिर जिला कलेक्टर सबको ही जनहित के मुद्दों पर, मूलभूत समस्यायों का समाधान करने में बाड़मेर जिले की पब्लिक कितने नम्बर देंगी,इसका परिणाम कल दोपहर में कलेक्ट्रेट परिसर की जनसुनवाई कही दुखदायी ना बन जाए खुली आखो से सब कुछ आपके सम्मुख होगा ।
कल हमेशा की तरह दोपहर को जिला कलेक्ट्रेट परिसर में संभागीय आयुक्त भवरलाल मेहरा और जिला कलेक्टर अरूण पुरोहित के नेतृत्व में होगी, इस जनसुनवाई में जनता की मूलभूत समस्यायों का समाधान होगा या फिर हमेशा-हमेशा की तरह ढांक के तीन पात ….
कुछ सालों पहले ही संभागीय आयुक्त डॉ सुमीत शर्मा राज्य सरकार के दमदार अधिकारियों की पहली सूची के दस अधिकारियों में शामिल हैं, ओर मुखिया अशोक गहलोत ने भी जोधपुर संभाग में कुछ सोचें समझें बगैर नहीं लगाया था, अब देखना यह है की संभागीय आयुक्त भवरलाल मेहरा बाड़मेर जिले में आमजनता को राहत क्या देते हैं, कोई नया धमाका होगा या फिर हमेशा-हमेशा की तरह की लोगों की नजरों में जनसुनवाई बड़ी दुखदाई नाम बदल दो सरकार ….
जिले के लोगों को संभागीय आयुक्त भवरलाल मेहरा से बहुत उम्मीदें हैं लेकिन धरातल पर कितना सफल होंगे यह तो आने वाला समय ही बताएगा, पहली बार बाड़मेर जिला मुख्यालय पर जनसुनवाई की कमान संभालेंगे, शायद कोई नया चमत्कार करके राज्य में देश की एकमात्र दुबई बनने की अंधी दौड़ में शामिल होने के कारण सबसे ज्यादा बाड़मेर जिले में बढ़ते हुए अपराध को रोकने में ओर जिला प्रशासन भी अपनी बिखरी हुई पैठ बनाने में फिर से सफल हो…..
जिला मुख्यालय पर लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए जिम्मेदार जिला कलेक्टर हमेशा तत्पर रहते थे । लेकिन जनता की समस्याओं के लिए दिए गए आवेदनों ओर ज्ञापनो के खो जाने पर उन्हें ढुढने की जिम्मेदारी किसकी बनेगी, शिकायतकर्ता की या सरकारी मशीनरी की…. पिछले छ महिने से जनसुनवाई के ज्ञापन कलेक्ट्रेट परिसर में चक्कर खा रहे हैं और उन पर क्या कार्यवाही हुई है उसकों ढूढने के लिए सूचना के अधिकार कानून के तहत दूसरी अपील करने के बाद में भी कोई समाधान नहीं हुआ है आगे मुख्य सूचना आयुक्त के यहाँ पर अपील करने से कोई समाधान होने की उम्मीद करते हैं।
जिला मुख्यालय पर हमेशा सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिले में तैनात पुराने अधिकारियों के साथ साथ-साथ कुछ नये अधिकारियों के साथ में जनता जनार्दन की परेशानियों ओर शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करने के लिए अक्सर बेठक होती रहती है, सभी अधिकारियों ने जिले के हाकिम की हां में हां मिला दी की सर हम सब मिलकर सभी ज़िले की समस्याओं को अल्लादीन के चिराग की तरह सब ठीक-ठाक कर देंगे लेकिन नतीजा फिर वही ढाक के तीन पात सात दिनों के बाद फिर से वही सोमवार की बैठक
जिले में शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई नहीं होने पर परेशानियों से निजात पाने के लिए पिडीत राज्य सरकार के कभी सुगम समाधान, राजस्थान सम्पर्क पोर्टल, फिर एक सो ईक्कयासी नम्बर ओर अब शायद ही सरकार जिम्मेदारी बढ़ाने के लिए एक नया कानून बनाने की आजकल कोशिश कर रही है की राज्य की जनता जनार्दन परेशान नहीं हो।
बाड़मेर जिले से पिछले एक दो दशकों से जनता की शिकायतों पर केन्द्र सरकार ओर राज्य सरकार के पास करीबन दस हजार शिकायतों को दर्ज किया गया है लेकिन धरातल पर आज भी वही समस्याएं जस की तस ही की वहां मौजूद है ।
सभी अधिकारियों को जब भी सरकारी मंत्री, संत्री अपनी बैठकों में जानकारी प्राप्त होने पर विशेष रूप से जनता जनार्दन की परेशानियों को दूर करने के लिए शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करने के आदेश देने के बाद भी बाड़मेर कलेक्ट्रेट में शिकायतों का निस्तारण नहीं होता है, होता है तो सिर्फ सरकारी आंकड़ों का मकड़जाल
सम्पर्क पोर्टल की शिकायतों को दर्ज करने के एक दो साल बाद कार्यवाही नहीं होने के कारण बाड़मेर जिले में शिकायतों को ढूंढने के लिए फिर से सम्पर्क पोर्टल पर विशेष ध्यान देने की शिकायतों को दर्ज किया जाता है लेकिन पुरानी शिकायतों को आखिर ढूंढे कौन …..राज्य सरकार के मुखिया अशोक गहलोत ने राज्य में नई सरकार बनाने के बाद आमजनता में एक नया उत्साह ओर उमंग की एक किरण जगी है कि सरकार हमारी सुध जरूर लेंगी लेकिन पिछली सरकार का पतन भी राज्य की जनता जनार्दन के द्वारा ही किया गया था। जनता की समस्यायों को पहले गांवों में, तहसील स्तर पर, जिला मुख्यालय पर, सम्भाग स्तर पर ओर कार्यवाही नहीं होने पर जयपुर में सम्पर्क पोर्टल या फिर सरकारी नेताओं के आगे
राज्य में सुशासन लाने के लिए सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिए जाएं की कोई भी परेशान व्यक्ति हमारे पास जयपुर तक शिकायतों को लेकर नहीं आएगा जनता की परेशानियों को समझने के बाद समाधान करने की जरूरत है लेकिन ओर परेशान नहीं किया जाएं ।
– राजस्थान से राजूचारण