बरेली । स्वास्थ्य विभाग की एक और घोर लापरवाही का मामला सामने आया है।यहां रोड पर पड़े लावारिश को काफी मशक्कत के बाद जिला अस्पताल में भर्ती किया गया।भर्ती करने के बाद उसे ऐसे वार्ड में भर्ती किया गया जहां इलाज नाम की कोई चीज दिखाई नहीं दे रही है।जिस वार्ड में उसे भर्ती किया गया वहां पर इतनी बदबू आ रही है कि वहां एक पल भी रुकना दूभर है। फिलहाल घायल को भर्ती किया गया है मगर जिला अस्पताल में पता चला है ये युवक तीन दिन पहले इसी वार्ड में भर्ती था फिर ये युवक निकल कर कहां चला गाय।
दरअसल पूरा मामला इस तरह है कि बरेली रोडवेज के निकट दीनानाथ लस्सी बालों की दुकान के सामने एक व्यक्ति रोड पर पड़ा हुआ था और लोग उसके सामने एक रुपए दो रुपए ये सोचकर डाल रहे थे कि शायद ये भीख मांग रहा है।तभी वहां एक समाजसेवी फैयाज अहमद पहुंचे और उन्होंने देखा कि जो युवक रोड पर पड़ा है उसकी पसली के नीचे एक बहुत बड़ा चीरा लगा हुआ है और उसका पूरा बाजू टूटा हुआ है तथा पेशाब की नली भी पड़ी हुई है। समाज सेवी फैयाज अहमद उस युवक को एंबुलेंस के जरिए अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टरों ने उसे भर्ती करने से इन्कार कर दिया और कहा कि ये युवक पागल है इसे पागलखाने में लेकर जाओ। जब फैयाज अहमद की जिला अस्पताल में एक न चली तो उन्होंने फोन कर करणी सेना के जिला अध्यक्ष ठाकुर राहुल सिंह को फोन करके बुलाया। जिसके बाद काफी हीला हवाली के बाद उस घायल युवक को जिला अस्पताल में बर्न वार्ड के निकट भर्ती कराया गया।
जब दोनो समाज सेवी ठाकुर राहुल सिंह और फैयाज अहमद उस वार्ड में पहुंचे तो मजरा ही चौका देने वाला था वहां पूरे वार्ड में इस तरह की बदबू आ रही थी जैसे कोई जानवर मरकर सड़ गया हो वहां वार्ड में से भयंकर बदबू आ रही थी जहां एक पल भी रुकना दूभर था।वहां पर कई ऐसे मरीज भर्ती थे जिनकी कोई भी केयर नहीं की जा रही थी और वो भगवान के सहारे पड़े हुए थे। ठाकुर राहुल सिंह ने इस मामले को सीएम योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाने को कहा, क्या कहा ठाकुर राहुल सिंह ने जरा उन्हीं की जुवानी सुनिए।
वहीं इस वार्ड में भर्ती लोगों के तीमारदारों का भी मीडिया को देखकर गुस्सा फूट गया और उन्होंने भी अपना दर्द बताना शुरू कर दिया।
वहीं जब इस मामले में वार्ड की नर्स से बात की तो उन्होंने कहा कि आपका कहना बिलकुल ठीक है वार्ड में सफाई नहीं है देखभाल भी नहीं है।वो अकेली हैं और उन्हें 4 वार्डों को देखना होता है उनका कहना है कि वो खुद चाहतीं हैं कि मरीजों की देखभाल हो और साफ सफाई रहे मगर वो अकेली जितना काम कर पातीं हैं उतना कर रहीं हैं।
– बरेली से तकी रज़ा