बरेली- जहां एक ओर नगर निगम की दयनीय स्थिति से सभी वाकिफ हैं लगातार निगम घाटे में जा रहा है ठेकेदारों का पेमेंट करने के लिए निगम पर पैसा नहीं बचा वही शहर के बार्ड 46 गाधीपुरम् के पार्षद पति ने जारी किए बार्ड 46 के आकडों पर ही सवाल खड़ा करके मेयर उमेश गौतम को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।
बता दें कि बीते दिनों पूर्व मेयर व पार्षदों के कार्यकाल की समाप्ति पर हुए विदाई कार्यक्रम वाले दिन निवर्तमान मेयर डाँ0 उमेश गौतम द्वारा प्रकाशित की गई किताब को बरेली जनपद में वितरित किया गया ।किताब का शीर्षक बदलता बरेली चमकता बरेली था जिसमे नगर निगम द्वारा हर बार्ड में हुए विकास कार्यों व विकास कार्यो में आवंटित धनराशि का भी जिक्र है।इसी किताब के पेज नंबर 65 पर गांधीपुरम वार्ड नंबर 46 के विकास कार्य जो दर्शाए गए हैं उस पुस्तक में लिखित विकास कार्य जैसा कि सीवर निर्माण 87 लाख रुपए खर्च दर्शाया गया है जबकि इस वार्ड में सीवर लाइन है ही नहीं साथ ही पार्क निर्माण पर 1 करोड 29 लाख का खर्च चर्चा का विषय बना।इसी कारण जब गांधीपुरम वार्ड नंबर 46 में पत्रकारों द्वारा जानकारी ली गई तो पार्षद पति स्वयं इस बात की पुष्टि करते हुए नजर आये कि सीवर लाइन वार्ड नंबर 46 में आज तक पड़ी ही नहीं तो फिर यह बात पुस्तक में अंकित कैसे किसके द्वारा कर दी गई पार्षद पति के यह शब्द कहीं न कहीं निवर्तमान मेयर को कटघरे में लाकर खड़ा करते दिख रहे हैं जबकि वायरल वीडियो में गांधीपुरम वार्ड 46 के ही निवर्तमान पार्षद पति अशोक गंगवार के अनुसार यह कहा गया कि जो विकास कार्य कराए गए हैं उनके आंकड़े कम दर्शाए गए हैं जो कि सरासर गलत है पार्षद पति वीडियो में यह कहते नजर आ रहे हैं जो 35 सड़कों का आँकड़ा दर्शाया गया है जो बिल्कुल गलत है दरअसल वह सडके तो पार्षद पति द्वारा 85 बताई जा रही हैं दूसरी बात है सीवर निर्माण कार्य पर ₹87लाख खर्च पार्षद पति का यह कहना है कि यहां नाला दर्ज करना चाहिए सीवर क्यों दर्ज की गई यह गलती निगम की है। साथ ही बताया कि 1 करोड 29 रुपए रामलीला ग्राउंड के लिए सैंक्शन (पास) हुए थे जिसमें कि मात्र 23 लाख रुपए का काम हुआ पार्षद पति का कहना है कि बकाया पैसा कहां गया इसका जबाब तो अब नगर निगम खुद ही देगा निवर्तमान पार्षद पति वायरल वीडियो में खुद यह कहते नजर आ रहे है कि यह किताब किसने छपबाई किसने नहीं यह बात हमारे संज्ञान में नहीं है आखिरकार पार्षद पति की कही गई बातों को सुनकर गांधीपुरम वार्ड 46 की जनता खुद को ठगा सा महसूस कर रही है क्षेत्रवासियों का सवाल है टैक्स के रूप में वसूले गए जनधन का क्या हो रहा है जनता के खून पसीने की गाढ़ी कमाई को यूपी सरकार द्वारा बरेली के विकास हेतु भेजी गई धनराशि के रूप में भेजी गई मोटी रकम 8.70 करोड़ से क्या-क्या विकास कार्य किए गए अब तक 5 सालों में गांधीपुरम वार्ड नंबर 46 में कितना विकास हुआ कितना नहीं यह तो क्षेत्रवासियों द्वारा नगर निगम से आरटीआई द्वारा जबाव मांगा गया है।
क्षेत्रवासियों का कहना है यूपी सरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कार्यों से संतुष्ट हैं लेकिन गांधीपुरम वार्ड में निवर्तमान पार्षद पूनम गंगवार द्वारा कराए गए विकास से संतुष्ट नहीं। उत्तर प्रदेश में मौजूदा मुख्यमंन्त्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भ्रष्टाचारियों पर लगातार कसकर लगाम लगाई जा रही है। पार्षद पति के कहीं न कहीं उनके द्वारा कहे शब्दो में निवर्तमान महापौर डॉ उमेश गौतम की किताब बदलता बरेली चमकता बरेली को जरूर कठघरे में लाकर जरूर खड़ा कर दिया है।
इसी किताब में देखा जाए तो किसी बार्ड को दो सौ करोड तक आबंटित हुए है तो किसी बार्ड को पांच साल मे एक करोड़ भी नहीं ।बरेली का एक ऐसा बार्ड है बार्ड 34 जहां केवल पांच सालो मे केवल 70 लाख के ही कार्य हुए है।यानि इतनी कम धनराशि का पांच सालो मे आवंटित होना साफ यह दर्शाता है कि निगम द्वारा इस वार्ड में सभी सुख सुविधाएं पहले से ही मौजूद है।या यह राशि ही गलत है इस वार्ड की आवादी भी लगभग 20 हजार दर्शाई गई है।इसी किताब मे बहुत से वार्ड है जैसे वार्ड 30(स्वाले नगर),वार्ड 59 (सरनिया),वार्ड 62(चकमहमूद) जिसमे बहुत कम धनराशि आवंटित हुई है। ऐसे मे सरकार का नारा सबका साथ सबका विकास भी कहीं न कहीं प्रभावित होता है।
यदि आंकडे सही है तो इतनी कम धनराशि क्यों और गलत है फिर किताब में दर्शाया क्यों।दोनों ही सूरतों में किताब पर तो प्रश्न चिन्ह लगता ही है।