प्रयागराज- वेदों के ज्ञाता महंत लक्ष्मण दास शास्त्री जी आज ब्रह्मलीन हो गए। इस धरती को त्यागने से उनके शिष्यों मे शोक व्याप्त हो गया। महंत लक्ष्मण दास जी शत्रुघ्न दास जी महराज के शिष्य थे ! इन्होने मडियाहूं तहसील के हथेरा में 1938 में विद्याधर पान्डेय के यहाँ जन्म लिया और अपने तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। बचपन से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी थे।महंत लक्ष्मण दास शास्त्री जी ने 10 बर्ष की उम्र में ही अपने घर से विरक्ति ले ली। मध्यप्रदेश के हौशंगाबाद में नर्मदा नदी के तट पर सेठानी घाट स्थित हनुमान मंदिर के महंत थे साथ ही साथ मध्यप्रदेश संत समाज के अध्यक्ष भी रहे ।इनके परलोक गमन से सभी संत समाज में अपूर्णीय क्षति हुई है जिसकी भरपाई होना असंभव है।आश्रम के शिष्यो में गम का माहौल है।
– प्रयागराज से आशीष कुमार मिश्र एडवोकेट हाईकोर्ट