बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। जिस सोनू के शव को पुलिस 29 दिनों से तलाश कर रही थी। शनिवार को उसका शव पनवड़िया नदी के पास मछली पकड़ रहे मछुआरों को बरामद हुआ। तुरंत ही उन लोगों ने शव की जानकारी गांव के लोगों को दी। घटना की सूचना का जब पुलिस को पता चला तो मौके पर पहुंचकर पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और इसकी सूचना सोनू के परिजनों को दी। परिजनों ने शव की पहचान सोनू के रूप मे की। आपको बता दें कि शहर के जोगी नवादा निवासी मूलचंद का बेटा सोनू सागर 25 नवंबर को घर से अचानक गायब हो गया था। मूलचंद का आरोप था कि बेटे की पत्नी चांदनी और अरविंद और चांदनी के परिजनों ने गायब कर दिया था। मूलचंद ने सोनू के अपहरण और हत्या की आशंका जताते हुए थाना बारादरी मे मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद इंस्पेक्टर अभिषेक कुमार ने सोनू की पत्नी चांदनी, अरविंद, सचिन व एक अन्य युवक को हिरासत में ले लिया था। सभी आरोपियों से पुलिस ने पूछताछ की तो आरोपियों ने सोनू की हत्याकर शव नदी मे फेंकने की बात स्वीकार की है। इसके बाद पुलिस फतेहगंज पश्चिमी और मीरगंज क्षेत्र मे पुलिस व एसडीआरएफ की टीम के साथ चार दिन तक सोनू की तलाश में जुटी रही लेकिन सोनू का पता नही चल सका।बुधवार को पुलिस ने अरविंद और सचिन को अपहरण के मामले में जेल भेज दिया। शनिवार की सुबह 11.30 बजे के समय पनवड़िया नदी मे कुछ मछुआरे मछली पकड़ रहे थे। इस दौरान उन्हें वहां एक शव दिखाई दिया। तुरंत ही इसकी जानकारी गांव के लोगों को दी गई।
घटना की सूचना पर पहुंचे लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। पुलिस इसकी जानकारी सोनू के परिवार को दी। सोनू के भाई संतोष ने बताया कि जिस शव को बरामद किया गया वह उसके चचेरे भाई का था। फिलहाल जिस सोनू के शव को पुलिस 29 दिनों से नहीं खोज पाई वह मछुआरों को मिला। अगर उन लोगों की नजर नही पड़ती तो शायद सोनू का शव बरामद नहीं होता और आरोपियों को इसका काफी फायदा मिलता।।
बरेली से कपिल यादव