बरेली- 17 दिसंबर 2022 से 25 दिसंबर 2022 तक चलने वाली “एकात्म यात्रा” के बरेली पड़ाव के क्रम में आज एकात्म यात्रा रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय पहुंची जहां विश्वविद्यालय के प्रबंधन विभाग मे, प्रो त्रिलोचन शर्मा जी एवं छात्रों से एकात्म संवाद हुआ, इस कार्यक्रम मे मुख्य रूप से अनंत अखाड़ा, अलखनाथ मंदिर के महंत श्री कालू गिरी जी महाराज, उत्तर प्रदेश व्यापारी कल्याण बोर्ड(आयोग) के सदस्य श्री पवन अरोड़ा, विश्व हिन्दू परिषद बरेली महानगर के उपाध्यक्ष श्री राजेश पाठक जी, पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य पूरन लाल लोधी, मनोज यादव जी उपाध्यक्ष भाजपा ओबीसी मोर्चा बरेली रामाशीष (आशीष यादव) संस्थापक नाथ नगरी रक्तदान सेवा समिति एवं बरेली के कार्यक्रम के संयोजक प्रवल प्रताप सिँह उपस्तिथ रहे एकात्म चर्चा हुई, जिसमें पण्डित दीन दयाल उपाध्याय के एकात्म मानव दर्शन के विषय में एवं राम राज्य की अवधारणा के माध्यम से जन-जन में सामाजिक समरसता व कुटुंब प्रबोधन को कैसे पुनर्स्थापित किया जय इस पर विमर्श हुआ।
लोकनीति के निदेशक और यात्रा संयोजक श्री सत्येंद्र जी ने बताया कि आज सम्पूर्ण विश्व, भारत कि ओर सभी अंतर्राष्ट्रीय विषयों मे दखल देने का आग्रह कर रहा हैं ये केवल उसकी आध्यात्मिक इच्छा शक्ति और आध्यात्मिक दर्शन के कारण संभव हुआ हैं। इसलिए ये आवश्यक हैं कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए हम सब को वैचारिक रूप से समृद्ध और सशक्त होना पड़ेगा। पंडित दीन दयाल का एकात्म मानव दर्शन भारत के विकास का सूत्रधार सिद्ध होगा और आने वाली 21सवी सदी भारत कि ही होगी।
चलो जाने रामराज्य के अभियान प्रमुख, आध्यात्मिक चिंतक और यात्रा संयोजक डॉ विवेक तांगड़ी जी ने बताया कि आज के युग मे राष्ट्र का उत्थान धार्मिक और अध्यात्म के मिलन से ही संभव हैं। 7500 वर्ष पूर्व के राम राज्य को आज भी धरातल पर लाने के लिए युवाओं और आमजन के सकारात्मक योगदान कि विशेष आवश्यकता हैं। आज युवाओं को आवश्यकता हैं कि वो अपनी आध्यात्मिक सांस्कृतिक विरासत को बढ़ाएं और राष्ट्र के हित का चिंतन करें तभी आज के युग मे राम राज्य संभव हो पायेगा।
यह यात्रा मथुरा से प्रारम्भ होकर नोयडा, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, शाहजहांपुर, हरदोई, अयोध्या, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, जौनपुर, काशी, प्रयागराज, चित्रकूट, बाँदा, झाँसी, बिठूर, उन्नाव से लखनऊ तक प्रदेश के 30 जिलों को, 18 विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में एकात्म संवाद एवं यात्रा के विभिन्न पड़ाव स्थलों पर एकात्म संवाद, एकात्म चर्चा, ग्रामीण एकात्म संवाद, विचार गोष्ठी, चाय पर चर्चा और सामाजिक सांस्कृतिक संवाद के माध्यम से । इस यात्रा के माध्यम से प्रदेश की 6 करोड़ 14 लाख जनता के बीच यात्रा के उद्देश्य का चिन्तन प्रवाह होगा।
– बरेली से आशीष जौहरी