*प्रदर्शनी में संचार, परिवहन, रेल, कृषि, विद्युत एवं अंतरिक्ष तक की यात्रा को छात्राओं ने बहुत ही सुन्दरता से उकेरा-राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चन्द्र सिंह
*लड़कियाँ शिक्षित होंगी तो पूरा परिवार शिक्षित होगा-राज्य सूचना आयुक्त
प्रतापगढ़। साकेत गर्ल्स पीजी कालेज द्वारा ‘ः‘बुलन्द भारत की बुलन्द तस्वीर’’ प्रस्तुत करने के लिये अपने 500 से अधिक छात्राओं द्वारा प्रस्तुत 217 मॉडल से अभ्युदित भारत प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। उ0प्र0 सूचना आयोग के राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चन्द्र सिंह जी ने आज साकेत गर्ल्स पीजी कालेज दहिलामऊ में पहुॅचकर छात्राओं द्वारा लगायी गयी अभ्युदित भारत प्रदर्शनी अवलोकन किया एवं छात्राओं की अलौकिक एवं दिव्य प्रदर्शनी की काफी प्रशंसा की। राज्य सूचना आयुक्त ने दीप प्रज्जवलित कर प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया। साकेत गर्ल्स पीजी कालेज की छात्राओं द्वारा विभिन्न विषयों पर आधारित प्रदर्शनी क्रमशः भारतीय परिवेश, जल प्रदूषण, पहले की न्यायिक प्रक्रिया और वर्तमान न्यायिक प्रक्रिया, सोलर वाटर इरीगेशन, पहले और अब का विद्यालय, भारत में शिक्षा की स्थिति, सेव इनर्जी सेव अर्थ, समाज में शिक्षा की बदलती तस्वीर, भारत की विरासत 75वां अमृत महोत्सव, गांव से नगर की ओर, इण्डियन सेक्टर ऑफ इकोनामी, हाउ डू डेवलप्ड हुमेन वउ एजेकुशन, रवीन्द्रनाथ टैगोर समाधि स्थल, सेव इन इन्वार्यमेन्ट सेब हूमन लाइफ, स्वास्थ्य चिकित्सालय, प्राचीन आधुनिक शिक्षा, डेवलपमेन्ट ऑफ एजुकेशन इन इण्डिया आफटर इनडिपेनडेन्स, तकनीकी के अभाव और प्रभाव में समावेशी शिक्षा, गांधी युगीन खादी से वर्तमान खादी तक, डिजिटल इण्डिया, प्राचीन समय और वर्तमान समय में जल प्राप्ति का स्रोत, भारतीय अर्थव्यवस्था का बदलता स्वरूप, रेलवे स्टेशन, सौर्य पावर सिस्टम, भारतीय गांव का परिवर्तन, कपास उत्पादन, सुप्रीम कोर्ट, टाइप्स ऑफ ट्रान्सपोर्ट, एग्रीकल्चर, बदलता भारतीय परिवेश, संसद भवन, सती प्रथा और बाल विवाह, इसरो, स्वच्छ भारत, किडनी स्ट्रक्चर, एन्टी बॉडी, ग्लोवल वार्मिंग, फिश टैंक, वाटरफाल, इण्डिया हिस्ट्री, मैगनेटिक फील्ड, ताजमहल, लालकिला, स्मार्ट सिटी आदि की अलौकिक प्रदर्शनी लगायी गयी।
इस अवसर पर राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चन्द्र सिंह जी ने छात्राओं की प्रदर्शनी की प्रस्तुति की भूरि-भूरि सराहीना की और कहा कि जिस प्रकार छात्राओं ने स्वतंत्रता के समय के भारत और आज के विकसित भारत का प्रस्तुतीकरण किया है उसमें विकसित भारत का स्पष्ट स्वरूप परिलक्षित हो रहा है। संचार, परिवहन, रेल, कृषि, विद्युत एवं अंतरिक्ष तक की यात्रा को छात्राओं ने अपने मॉडल्स में बहुत ही सुन्दरता से उकेरा है। इस प्रदर्शनी में बदले हुये भारत की बदली हुई सोच को प्रदर्शित करने का सफल प्रयास किया गया है। उन्होने कहा कि जिस देश के बच्चे प्रतिभाशाली है जिनमें कुछ करने की इच्छा है, क्षमता है, जिज्ञासा है वह देश कभी भी पीछे नही हट सकता है। हमें अपनी परम्पराओं और संस्कारों को नही भूलना चाहिये विकास यदि संस्कार के साथ है तो कोई समस्या नही है। शिक्षा के साथ यदि संस्कार है तो किसी भी समाज को आगे बढ़ने से कोई रोक नही सकता। महिला शिक्षा गर्ल्स एजूकेशन का प्रभाव है, पूरे देश में गर्ल्स एजूकेशन को बहुत तेजी से बढ़ाया जाना चाहिये। लड़कियॉ शिक्षित होंगी तो पूरा परिवार शिक्षित होगा। इसलिये लड़कियों की शिक्षा और उनके संस्कार पर ज्यादा ध्यान देना चाहिये क्योंकि उन्ही से परिवार बनता है उसी से परिवार का संस्कार मिलता है और लड़कियॉ जहां जाती है अपने संस्कारों से उस परिवार में उजाला कर देती है।