बरेली गौरव रत्न से वन मंत्री डा0 अरूण कुमार ने किया शहर की विभिन्न हस्तियों को सम्मानित

बरेली। समय के साथ-साथ व्यक्ति का बौद्धिक विकास भी होता है, हम अपने आसपास की बदलती दुनिया के प्रति संवेदनशील रहते हैं। यही मानव होने का प्रथम गुण है। इसलिए हमें ये प्रयास करते रहना चाहिए कि इस बदलाव में हमारा उत्कृष्ट योगदान रहे। ये उद्गार उपजा के अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार डॉ पवन सक्सेना ने आरजेवाईएस ग्रुप द्वारा आयोजित एक बौद्धिक सम्मेलन में व्यक्त किए। आरजेवाईएस ग्रुप तथा नेचर एजुकेशनल वेलफेयर सोसाइटी के संयुक्त संयोजकत्व में ‘बदलते सामाजिक परिवेश में हमारे योगदान की भूमिका एवं दायित्व’ पर एक दिवसीय संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन रोटरी भवन में संपन्न हुआ।
जिसमें मुख्य अतिथि डॉ. अरुण कुमार जी (वन एवं पर्यावरण मंत्री), विशिष्ट अतिथि पूर्व भारतीय प्रशासनिक अधिकारी हरीश चंद्रा जी (नोएडा) एवं डॉ. राघवेंद्र शर्मा जी (विधायक- बिथरी चैनपुर बरेली) रहे।
विशिष्ट अतिथि हरीश शाक्य (अध्यक्ष नेचर एजुकेशन वेलफेयर सोसाइटी ) ने बताया कि सामाजिक एवं राष्ट्रीय प्रवेश एक चुनौतीपूर्ण है ऐसे समय में हम सब का योगदान महत्वपूर्ण हो सकता है वर्तमान में सामाजिक संस्थाएं विभिन्न एक्टिविटी के माध्यम से महिलाएं युवतियों बेरोजगार युवाओं को आत्मा बनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं तथा भारत की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही है उन्होंने युवाओं को भारतीय समाज की रीढ़ बताया।
संगोष्ठी की अध्यक्षता नगर निगम सामाजिक सर्वेक्षण के ब्रांड एंबेसडर महेश पंडित ने की।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि अरुण कुमार जी वन एवं पर्यावरण मंत्री ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सभ्यता के आरंभ का सामाजिकता के आरंभ का आधार है सामाजिक परिवार भारत की सनातन संस्कृति ने संपूर्ण वसुधा को परिवार माना है उन्होंने कहा कि सामाजिक वातावरण परिवार में ही मिलता है करोना काल ने यह साबित कर दिया इसलिए सामाजिक नियंत्रण का प्रेम रूपी अभिनंदन परिवार को माना गया है उनका मानना है कि परिवार प्रेम का उपहार है सूखती जीवन सभ्यता की फुहार है उन्होंने कहा कि उदार चरित्र वाले सभी को एक समान मानते हैं उन्होंने बताया कि सामाजिक परिवेश यही उत्तम व्यक्तित्व का निर्माण होता है।
विधायक डॉ राघवेंद्र शर्मा ने कहा कि सामाजिक परिवेश से बड़ी कोई पाठशाला नहीं है मानवीय सभ्यता की अनूठी पहचान सामाजिक परिवेश ही है उन्होंने कहा कि आधुनिकीकरण से सबसे अधिक प्रभावित सामाजिक परिवेश ही हुआ है इसी के चलते मानव अपने को कछुए की खोल की तरह सुरक्षित समझता है उन्होंने कहा कि प्राणी ही नहीं बल्कि पतितो का भी सामाजिक परिवेश होता है।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ पवन सक्सेना ने कहा कि समाज का वातावरण हमारे बच्चों के कौशल विकास हो पढ़ाई के अनुकूल होने पर उनके व्यक्तित्व में ऊर्जा और तेजी लाता है सामाजिक परिवेश ही बच्चों को मानसिक व नैतिक मूल्यों के विकास की ओर ले जाता है बच्चों को अब गुणों से सद्गुणों की ओर ले जाने के लिए अच्छे सामाजिक प्रवेश का होना अति आवश्यक है बच्चे आचरण भी ना बने ऐसे में समाज की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है सामाजिक परिवेश बच्चों के लिए एक अनुकूल वातावरण देकर उनमें आदर्श व्यक्तित्व के लिए प्रेरित करता है।
संगोष्ठी में शहर की विभिन्न विभिन्न हस्तियों को सामाजिक योगदान और उनके सहयोग के लिए सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम संयोजक एस के आर्य जी एवं मंत्रालय भारत सरकार), एड. सौरभ शर्मा जी (राष्ट्रीय सचिव व संपादक आर भारत समाचार), सचिन श्याम भारतीय (संचालक एवं वरिष्ठ पत्रकार) रहे। स्वागत अध्यक्ष श्री अमित भारद्वाज (राष्ट्रीय अध्यक्ष : राष्ट्र जागरण युवा संगठन) तथा कार्यक्रम अध्यक्ष महेश पंडित जी (ब्राण्ड एंबेस्डर) नगर निगम बरेली रहे। सहयोगी संस्था राष्ट्र जागरण युवा संगठन, राष्ट्र जागरण महिला मोर्चा, राष्ट्र जागरण उद्योग व्यापार मंडल, राष्ट्र जगत फॉउंडेशन, नेचर वेलफेयर सोसाइटी, हीमोफीलिया जनकल्याण समिति रहे। अतिथियों में ठाकुर राहुल सिंह, डॉ दिनेश विश्वास, ढाल सिंह, जितेन्द्र यादव, प्रेमपाल गंगवार, प्रियंका कपूर, अनीता गुप्ता, तेजेन्द्र कौर, नेहा भोजवानी,सुमन भाटिया, प्रियंका गुप्ता, आरती गुप्ता, दिव्या गुप्ता, सीमा गुप्ता, हिना भोजवानी, वंदना सक्सेना, सुधा शर्मा, भागवती राजपुत, लता गंगवार, राम जी राजावत, अंकित सक्सेना, विशाल मेहरोत्रा, रचित अग्रवाल, अनुज भारद्वाज, संदीप शास्त्री, सचिन पाठक, हृदय नारायण, दुस्येन्द्र सिंह, मुदित गंगवार, वीर सक्सेना, कौशिक पाठक आदि उपस्थित रहे।

– बरेली से सचिन भारतीय

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