ग़ाज़ीपुर- केन्द्रीय मंत्री मनोज सिन्हा,सिद्धार्थ राय, सुर्यकुमार सिंह व विजय विश्वकर्मा के अथक प्रयास से हमारे बेटे को मिला है जीवन दान हम जीवन मे इस उपकार के लिए आप सभी के प्रति सदैव नत मस्तक हूँ।कभी नहीं भूल सकता इस एहसान को जो हमारे घर के आशा उम्मीद को मौत के मूहँ से निकाल कर ले आने मे हमे मदद मिली। यह मार्मिक व द्रवित हृदय से निकले उदगार है एक ऐसे निहायत गरीब मजदूर पिता का जिसके तीन पुत्रों व एक पुत्री मे सबसे बडे 23 वर्षिय पुत्र वसीम अकरम को नौकरी दिलाने का लालच व सज्जबाग दिखा कर कर्ज के रुपए से पूरासोफी मोबारकपुर आजमगढ़ निवासी सगे साढू के द्वारा खाडी देश मे भेजा गया था।बहन की शादी,कर्ज से मुक्ति,तथा जीवन के मुश्किलों को सहज करने की खुशी उस वक्त वसीम की धारासायी हो गयी जब खाडी के देश रियाद पहुचने पर पासपोर्ट छिन लिया गया और 12-14 घंटे की कडी मेहनत के बाद भी मजदूरी न मिलने व विरोध करने पर काम से मना कर दिया और भोजन देने से भी इंकार कर दिया गया धमकियां मिलने लगी की चुपचाप काम करो वर्ना किसी जूर्म मे फसा दिया जाएगा।भूख के आलम मे शारिरिक स्वास्थ गिरता गया।धार्मिक स्थल पर भिखारियों के झूंड मे दान से मिलने वाले निवाले के सहारे असहनीय जीवन एक एक दिन भारी होता गया। फिर बेटे की फोन से दशा हाल जान परिवार मे मातम छा गया परिवार मे रोना धोना शुरू हो गया।तब प्रयास हुआ गांव के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता विजय विश्वकर्मा के द्वारा अनपढ़ पिता को लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह,फिर राज्य मंत्री के नीजी सहायक सिद्धार्थ राय से मिले जहाँ सूर्य कुमार के सहयोग से मंत्री को बेटे के सकुशल वापसी के लिए प्रार्थना पत्र दिया जिस पर मनोज सिन्हा ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखते हुए त्वरित कार्यवाही की आशा जताई और परिणाम स्वरूप वसीम अकरम आज अपने पिता रियाजुद्दीन निवासी पहाड़पुर,देवकली गाजीपुर के साथ केन्द्रीय रेल व संचार राज्य मंत्री मनोज सिन्हा के गाजीपुर स्थित कार्यालय पर मिठाई लेकर पहुंचे ।
– प्रदीप दुबे की रिपोर्ट