बरेली। गुरुवार को थाना कोतवाली पुलिस ने फर्जी दरोगा गिरफ्तार किया है। जिसने बरेली मे रहने वाली महिला अधिवक्ता से पहले फेसबुक पर दोस्ती की। जिसके बाद शादी करने की बात कहकर गुरुवार को उससे मिलने आया था। लेकिन बातचीत मे शक होने पर पुलिस लाइन पहुंची। अपने एक परिचित दारोगा काे फोन कर बुलाया। उसी के सामने फर्जी दारोगा से वह पूछ बैठी कि 3/25 की फर्द कैसे बनाते हैं? 164 के बयानों की क्या प्रक्रिया है? फर्जी दारोगा मुंह ताकता रह गया। इसी मे वह फंस गया। बाद मे पता चला कि खुद को दारोगा बताने वाला असल में ड्राइवर है। आरोपित की पहचान लखनऊ के आशियाना स्थित सेक्टर-एफ पराग डेयरी के निकट निवासी सत्यम त्रिपाठी के रूप मे हुई है। कोतवाली पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। कोतवाली पुलिस के अनुसार सुभाषनगर की रहने वाली अधिवक्ता से आरोपित सत्यम त्रिपाठी की करीब छह माह पूर्व फेसबुक से दोस्ती हुई। बातचीत शुरू हुई तो आरोपित ने खुद के बारे में बताया कि वह दारोगा है। लखनऊ के हजरतगंज थाने में उसकी तैनाती है। कुछ समय बाद उसने अधिवक्ता के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा। इस पर अधिवक्ता ने उसको मम्मी-पापा से बातचीत कराने के लिए कहा। इस पर आरोपित युवक ने कहा कि मम्मी-पापा की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो चुकी है। वह सीओ थे। मामा ने पाला है। इसी के बाद गुरुवार को वह वर्दी में बरेली पहुंचा। उसके हुलिए को देखकर महिला अधिवक्ता को शक हुआ। तुरंत ही उसने एक परिचित दारोगा को फोन किया। आरोपित को लेकर पुलिस लाइन पहुंची। परिचित दारोगा के सामने आरोपित से जब अधिवक्ता ने सवाल शुरू किये तो वह किसी का भी जवाब नही दे सका। शक होने पर उससे पहचान पत्र व अन्य प्रपत्र मांगे गए। तभी वह फंस गया। पता चला कि आरोपित असल में ड्राइवर है। लखनऊ मे वह टैक्सी चलाता है। कोतवाली पुलिस ने आरोपित से उसके दारोगा बनने की कहानी पूछी तो कहा कि अधिवक्ता से शादी के लिए उसने खुद को दारोगा बताया था। अधिवक्ता को शक न हो इसलिए बरेली आने से पहले उसने बाकायदा दारोगा की वर्दी सिलवाई। फिर वर्दी पहनकर ही बरेली पहुंचा लेकिन वह फंस गया। कोतवाली इंस्पेक्टर हिमांशु निगम ने बताया कि मामले मे शिकायती पत्र मिला है। उसी आधार पर आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आगे कार्रवाई की जा रही है।।
बरेली से कपिल यादव