लखनऊ। मौजूदा समय में हर इंसान किसी ना किसी स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या से जूझ रहा है। स्वास्थ्य से जुड़ी हर समस्या से निजात के लिए और सही इलाज के लिए आज ऐसी डायग्नोस्टिक की जरूरत है जो सबसे उन्नत तकनीकी के साथ अपने जांच परिणाम दे सके। इसी क्रम में राजधानी लखनऊ में रविवार को आशियाना के सेक्टर के में कोर डायग्नोस्टिक का उद्घाटन हुआ। इस मौके पर कोर डायग्नोस्टिक के सीईओ दिनेश चौहान ने बताया कि हमारा प्रयास भारत में सबसे उन्नत परीक्षण तकनीक को अपनाना है और इसी लक्ष्य को केंद्र में रखते हुए हमने नई दिल्ली, बेंगलुरु, भुवनेश्वर और अब लखनऊ में सेटेलाइट लैब स्थापित की हैं, जो अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। कोर डायग्नोस्टिक के जीएम सेल्स अभिषेक तिवारी ने बताया, हमने 2012 में अपनी पहली प्रयोगशाला स्थापित की थी और हमारी प्रयोगशाला में हुईं जाँचे एनएबीएल व सीएपी से मान्यता प्राप्त हैं। एनएबीएल भारतीय गुणवत्ता परिषद का एक घटक है और सीएपी दुनिया का सबसे बड़ा संघ है, जो अमेरिकन बोर्ड ऑफ़ पैथोलॉजी द्वारा प्रमाणित है। हमारी 600 कर्मियों की टीम व 280 से ज्यादा लैब रोगियों को उच्च गुणवत्ता वाली रिपोर्ट देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारे पास वर्तमान में 6500 से अधिक प्रिस्क्राइबर और 1000 से अधिक क्लाइंट शामिल हैं जिनमें अस्पताल, क्लीनिक, डायग्नोस्टिक लैबोरेट्रीज, एनजीओ, फार्मास्युटिकल कंपनियां, राज्य सरकारें और कई अन्य शामिल हैं। इस मौक़े पर कोर डाइयग्नास्टिक के अन्य पदाधिकारी एवीपी आशीष ठाकुर, रीजनल मैनेजर पुनीत पाठक, मैनेजर दीपक उध्याय व डॉक्टर पार्श सिंह भी मौजूद रहे।
हमारे यहाँ कई परीक्षण की सुविधा मौजूद हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं- हमारे पास ऑन्कोलॉजी (ऑनसीआरई), स्त्री रोग (रेप्रोकोआरई), प्रत्यारोपण (ज़ेनोकोआरई), नेफ्रोलॉजी (नेफ्रोकॉर), जेनेटिक्स (जीनकोआरई) और रूटीन / निवारक हेल्थकेयर (वीटासीआरई) आदि हैं।
हमारे पास एमडी/डीएम / पीएचडी डॉक्टरों की एक टीम भी है जिसमें ऑन्को-पैथोलॉजिस्ट, हेमेटो-पैथोलॉजिस्ट, मेडिकल जेनेटिकिस्ट, साइटोजेनेटिकिस्ट, मॉलिक्यूलर साइंटिस्ट, पैथोलॉजिस्ट, हिस्टोपैथोलॉजिस्ट और बायोकेमिस्ट शामिल हैं।