बरेली/मीरगंज, फतेहगंज पश्चिमी। तहसील मीरगंज क्षेत्र मे खूंखार बंदरों ने बुधवार को फिर चार लोगों पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। सभी का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। बंदर एक सप्ताह मे मीरगंज क्षेत्र मे एक की जान ले चुके हैं जबकि 68 लोगों को घायल कर चुके हैं। सतुईया और आसपास के गांवों में हर शख्स बंदरों से खौफजदा है। बच्चे डंडे लेकर स्कूल जा रहे हैं। बंदरों के डर से गांव में दुकान, दरवाजे पर लोग डंडे लेकर बैठ रहे हैं। बंदर हमला कर जंगल में भाग जाते है। बंदरों ने कस्बा फतेहगंज पश्चिमी निवासी अमन, शाही निवासी अफजाल, मढ़ौली के किशोर विशाल और गांव बढ़ेपुरा के छह वर्षीय जितेंद्र पर हमला कर घायल कर दिया। बंदर दुनका, सतुईया और राजश्री मेडिकल कालेज के साथ क्षेत्र के गांवों में भी ग्रामीणों पर हमले कर रहे हैं। बंदर अब तक थानपुर के 12 लोगों को घायल कर चुके हैं। गांव खिरका, खरगपुर, औंध, मढ़ौली, नारा फरीदापुर, मुगलपुर, कस्बा फतेहगंज पश्चिमी में ग्रामीणों को हमला कर गंभीर रूप से घायल कर चुके हैं। गांव मुगलपुर के बंदरों के हमले में घायल सूरज राजश्री अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। सतुइया निवासी योगेश के सिर पर बंदर ने हमला किया। सुभाष ने बताया वह परसों राजश्री के पीछे खेत में ट्रैक्टर पर लेटे थे। बंदर ने हाथ से मांस निकाल कर ले गए। खूंखार बंदर अचानक खेत, घर में बैठे, सोते लोगों पर हमला कर घायल कर देते हैं। खिरका के प्रधान ने बताया कि बंदर खिरका और पड़ोसी गांव खरगपुर में हमले कर रहे है। गांव सतुइया और राजश्री मेडिकल कालेज के हास्टल में रहने वाला हर शख्स बंदरों से खौफजदा है। सतुइया निवासी घायल युवक को मां घर के दरवाजे पर लाई तो घायल डंडा पकड़े था। गांव की दुकानों के आगे ग्रामीण लाठी डंडे लेकर जमे है। खिरका के प्राथमिक स्कूल और पूर्व माध्यमिक स्कूल में बंदरों के डर से आधे बच्चे भी पढ़ने नहीं आ रहे हैं। बुधवार को सतुइया के बच्चे छुट्टी में हाथों में डंडे लेकर आते रास्ते में मिले। बताया, बंदर बहुत लोगों को काट चुके हैं। रास्ते में बंदर हमला न कर दें इसलिए डंडे लेकर स्कूल जाते है। बुधवार को वन विभाग की टीम के साथ पीलीभीत से डब्लूडब्लूआई के विशेषज्ञ डॉ. दक्ष राजश्री पहुंचे। डॉ. दक्ष ने रेंजर और डिप्टी रेंजरों के साथ राजश्री अस्पताल में घायलों से बात की। टीम ने बंदरों को तलाश किया।।
बरेली से कपिल यादव