शराब दुकानों में चल रही ग्राहकों से लूट: रेट लिस्ट नहीं लगा रहे शराब संचालक

*न ही दे रहे ग्राहकों को बिल लिस्ट भी गायब-आबकारी विभाग व पुलिस की लापरवाही का फायदा उठा रहे शराब ठेकेदार जबलपुर जिले में बैठे अधिकारियों का भी नहीं है ध्यान

जबलपुर/भोपाल- आबकारी अधिकारियों की नाक के नीचे जबलपुर जिले के पाटन क्षेत्र में 2देशी व अंग्रेजी शराब दुकानों में रोज नए रेट पर शराब बेची जा रही है ग्राहकों का कहना है कि पाटन में बस स्टैंड के सामने और शहपुरा रोड पर देशी अंग्रेजी शराब की दुकान संचालित है और इन दोनों शराब दुकानों में अभी तक रेट लिस्ट नहीं लगाई गई है जिसका फायदा उठाकर दुकानदारों द्वारा रोज मनमाने दाम पर शराब बेचने का धंधा चल रहा है ग्राम बजरंग गढ़ निवासी केहर सिह ने बताया है कि देशी अंग्रेजी शराब में रेट लिस्ट अभी तक नहीं लगाई गई है यदि कोई ग्राहक रेट के बारे में पूछता है तो शराब दुकान के संचालक उनके साथ अभद्रता से पेश आते हैं उनका कहना है कि शराब दुकानों में रेट लिस्ट नहीं लगाए जाने की जानकारी आबकारी विभाग के अधिकारियों को दी जा चुकी है और अखबारों के माध्यम से भी मामला उठा है लेकिन अभी तक दुकान संचालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की गई है उनका कहना है कि शराब दुकानों में रेट लिस्ट लगवाई जाए ताकि लूट बंद हो सकें और लोगों को सही रेट पर शराब मिल सकें
बिल भी नहीं दे रहे शराब दुकान संचालक

पाटन की शराब दुकानों में मनमानी चल रही है आबकारी विभाग की लापरवाही से पाटन की शराब दुकानों में ग्राहकों से खुलेआम लूट की जा रही है शराब लेने पर ना बिल दिया जा रहा है और ना ही रेट लिस्ट लगाई गई है विभागीय छूट का फायदा उठाते हुए ठेकेदार मनमानी से शराब का विक्रय कर रहे हैं जहां शराब लेने वाले ग्राहकों को बिल नहीं दिया जा रहा है मनमानी से शराब का विक्रय एमआरपी व उससे अधिक पर किया जा रहा है यहां तक की आबकारी विभाग व पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से ठेकेदार द्वारा गांव गांव शराब बेचने के लिए भेजी जा रही है जहां गांव गांव में भी शराब अधिक दामों में बढ़ाकर धडल्ले से बेची जा रही है शराब विक्रय में चल रहे गड़बड़झाले को लेकर आबकारी विभाग के द्वारा कोई कार्रवाई नही की जा रही है यहां तक जो शराब विक्रय की जा रही है उसका बेंच नंबर भी गड़बड़ है आरोप है कि आबकारी विभाग के संरक्षण में शराब का अवैध कारोबार फल फूल रहा है इस और जिला कलेक्टर का भी ध्यान नहीं है
सिंतबर से बनी व्यवस्था
बताया गया है कि प्रदेश में पिछले दो सालों से नकली शराब का सेवन करने से हुई घटनाओं के बाद यह व्यवस्था शासन ने सितंबर 2021से बनाई गई है यहां पाटन सहित आसपास बिक रही देशी व अंग्रेजी शराब की लाइसेंसी दुकानों में केश मेमो है लेकिन बिल नहीं दिया जा रहा है शराब पीने के बाद ग्राहक को कुछ होता है तो संबंधित दुकानदार की जिम्मेदारी तय होगी बिल नहीं लेने पर ग्राहक को नुकसान होगा इसके साथ अवैध या नकली शराब आई कहा से इसकी जांच पड़ताल पुलिस व आबकारी विभाग अपने स्तर से कर सकते हैं बिल व्यवस्था से ग्राहकों से अधिक रुपए भी नहीं ले सकते हैं जहरीली शराब होने की संभावना भी काफी कम हो जाएगी लेकिन पाटन सहित आसपास बिक रही शराब दुकानों में इसका पालन नहीं किया जा रहा है
अन्य जिले में भी हो रहा शराब भेजने का परिवाहन

गांव गांव बेची जा रही शराब का मामला 27 अप्रैल को मीडिया के माध्यम से प्रमुखता से उठाया गया था लेकिन आज भी गांव गांव बेची जा रही शराब के साथ ठेकेदार अब अन्य जिले मे भी शराब परिवाहन कर रहे हैं चार दिन पहले ही दमोह जिले के तेन्दूखेड़ा क्षेत्र में 27 मील के पास तेन्दूखेड़ा पुलिस द्वारा 4 पेटी देशी शराब की पकड़ने की कार्रवाई की गई थी जिसमें बताया गया था कि यह शराब पाटन से बेचने के लिए साईपुरा और सलैया महगुवा गांव जा रही थी जो पाटन से आ रही है जहां दमोह तेन्दूखेड़ा पुलिस ने गस्ती के दौरान 4 पेटी देशी शराब पकड़ी गई थी और आबकारी एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए तीन लोगो को पकड़ा था जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पाटन क्षेत्र में शराब ठेकेदार द्वारा बुंलद हौसले के साथ अन्य जिले में भी शराब बेचने का परिवाहन कराया जा रहा है और पाटन पुलिस व आबकारी विभाग के नाक के नीचे से गांव गांव व अन्य जिले में शराब भेजी जा रही है और अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

अभिषेक रजक विशेष संवाददाता

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