बरेली। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) बीते शुक्रवार से शुरू हो गई है। इसके साथ ही जिले मे करोड़ों रुपये दांव पर लगने शुरू हो गए है। ऑनलाइन संचालित होने वाले इस अवैध धंधे पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस नाकाम साबित हो रही है। हाईटेक सटोरिए हर बार पुलिस को मात देकर बच रहे है। पुलिस के पास फिलहाल कोई ठोस प्लान नही है। जिससे सट्टेबाजो पर शिकंजा कसा जा सके। पुलिस मुखबिर की सटीक सूचना मिलने का इंतजार कर रही है। सटीक सूचना के आधार पर ठोस कार्रवाई की जाएगी। गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद कई एप और व्हाट्सएप सहित सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्म के जरिये संचालित होने वाले इस खेल मे तकनीक इतना ज्यादा हावी है कि एक मोबाइल के जरिये सब कुछ संचालित हो जाता है और पुलिस को भनक तक नही लग पाती है। मैच में टॉस जीतने- हारने, टीम के रन, खिलाड़ी के व्यक्तिगत प्रदर्शन, चौके-छक्के और हार-जीत पर रोजाना करोड़ों का वारा-न्यारा होता है। शहर में बीते वर्षों में कई जगह आईपीएल पर सट्टा लगाने वाले गिरफ्तार किए गए थे। जिसमे सबसे बड़ा सट्टेबाजों का नेटवर्क बारादरी मे तरीके मॉडल टाउन मे चल रहा था। आईपीएल में सट्टा लगाने वालों को पुलिस ने कई बार पकड़ा। इसके बावजूद इस अवैध धंधे की तह तक जाकर इसे संचालित करने वालों के गिरेबान तक पुलिस नही पहुंच पाई है। जानकारों का कहना है कि पुलिस तकनीकी रूप से बहुत हाईटेक नही है। इसी वजह से सटोरिये आईपीएल के हर सीजन मे मात देते नजर आते है। इसी वजह से आईपीएल मे हर साल कई लोग सट्टेबाजी में इस कदर बर्बाद होते हैं कि उनके पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नही बचता है।।
बरेली से कपिल यादव